धनबाद:
CBI के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक (Rajnikant Pathak) की अदालत ने उत्तम आनंद हत्याकांड (Uttam Anand massacre) दोषी राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। साथ ही साथ 25 हजार रुपये की जुर्माना सुनाया। इस मामले में 1 साल 9 दिन बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। लेकिन जज उत्तम आनंद के परिजन इस फैसले से नखुश है।बता दें कि दोनों पक्षों ने इस मामले को ऊपरी अदालत में ले जाने की बात कही है।
जुडिशियरी पर हमला है इसलिए फांसी की सजा होनी चाहिए
जज उत्तम आनंद के रिश्तेदार विशाल आनंद ने कहा कि यह जुडिशियरी पर हमला है। इसलिए आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। कोर्ट के फैसले के खिलाफ वे लोग भी ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। वहीं आरोपियों के वकील कुमार बिमलेंदु ने कहा है कि वो फैसले से संतुष्ट नहीं हैंष यह मामला हिट एंड रन का था। जज को जानबूझकर नहीं मारा गया। लेकिन इसे 302, 201 धारा का रूप दिया गया। फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील की जाएगी।
28 जुलाई 2021 को पीछे से ऑटो चालक ने मारी थी टक्कर
बता दें 28 जुलाई 2021 की सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले जज को पीछे से ऑटो चालक ने टक्कर मार कर उनकी हत्या कर दी थी। मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा था। बाद में कोर्ट की मॉनिटरिंग में मामले की छानबीन CBI ने शुरू की। अदालत में मामले का स्पीडी ट्रायल हुआ। पांच महीने में 58 गवाहों का बयान दर्ज किया गया था।