द फॉलोअप डेस्क
झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के खाते से 109 करोड़ रुपए झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के फर्जी खाते में भेजे जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर गठित सीआईडी और एटीएस की संयुक्त एसआईटी ने सोमवार को एक साथ रांची, रामगढ़, मुजफ्फरपुर और कोलकाता में छापा मारा है। इस दौरान टीम ने 4 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सभी गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है। दूसरी तरफ बैंक में ट्रांसफर किये गए 35 करोड़ रुपए को जांच एजेंसी ने फ्रिज कर दिया है। एसआईटी में एटीएस एसपी ऋषभ झा के अलावा तीन एसपी, डीएसपी मुन्ना सहित अन्य पुलिस अफसरों को शामिल किया गया है।
जेटीडीसी के फर्जी खाते में हो रहा था ट्रांसफर
इस पुर मामले की जांच कर रहे झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के नाम पर फर्जी खाता खुलवा कर उसमें जेटीडीडी के ही 10.40 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने के मामले की जांच कर रहे सीआईडी को चौंकाने वाली जानकारी मिली है। जिस फर्जी खाते में 10.40 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए, उसी खाते में झारखंड ऊर्जा निगम के 44 करोड़ रुपए भी ट्रांसफर किये गए। ये पूरी रकम 100 करोड़ रुपए तक जा सकती है। हालांकि अभी इसका अनुसंधान जारी है और इस विषय में कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से बचते दिख रहे है। सीआईडी की एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। टीम इसमें शामिल लोगों की जांच के दौरान गिरफ़्तारी के लिए भी छापेमारी कर रही है।
धुर्वा थाने में दर्ज हुआ केस
28 सितंबर को झारखंड पर्यटन विकास निगम के महाप्रबंधक राजीव कुमार सिंह ने धुर्वा थन में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि जेटीडीसी के गिरिजा प्रसाद, आलोक कुमार और केनरा बैंक के सीनियर मैनेजर अमरजीत कुमार की मिली-भगत से झारखंड पर्यटन निगम लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक का फर्जी व नकली हस्ताक्षर कर कुछ लोगों द्वारा केनरा बैंक निफ़्ट शाखा में खाता खोल गया था। इस खाते में 13 अक्टूबर 2023 को पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के 10.40 करोड़ रुपए ट्रैन्स्फर किये गए। इसके बाद सभी कहते में राशि अलग-अलग संदिग्ध खातों में ट्रांसफर कर निकल ली गई।