द फॉलोअप डेस्क
गढ़वा के केतार प्रखंड के पाचाडुमर गांव में 2.35 करोड़ रुपए की लागत से बने 10 बेड वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 5 वर्ष बाद भी खाली है। वहीं समुचित देखभाल के अभाव में भवन भी क्षतिग्रस्त होने लगा है। इससे स्वास्थ्य सुविधाओं की आस लागाये ग्रामीण अब नाउम्मीद होने लगे हैं। बता दें कि अस्पताल भवन का उद्घाटन 20 अक्टूबर 2019 को हुआ था। लेकिन उद्घाटन के बाद से चिकित्सक की पदस्थापना नहीं होने के कारण यह अस्पताल भवन बंद पड़ा है।
इस कारण असमाजिक तत्वों के द्वारा खिड़की, दरवाजा, मार्बल, गेट, शौचालय को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है। इस अस्पताल के बंद रहने से 70 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। दुसरे प्रखंडों में इलाज कराने जाने पर दवा से अधिक भाड़े में खर्च हो जाता है। केतार प्रखंड में गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवारों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिलने के कारण इन्हें मामूली बीमारी का इलाज भी निजी अस्पताल में कराने पर मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। अस्पताल निर्माण के बाद लोगों को उम्मीद जगी थी की स्थानीय स्तर पर उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा। लेकिन ग्रामीण अब उम्मीद छोड़ चुके हैं।
केतार प्रखंड के 7 पंचायतों के ग्रामीणों को अस्पताल शुरू कराने की अब एक अंतिम उम्मीद पुर्ण बहुमत से दुबारा सत्ता में आई हेमंत सोरेन सरकार और नवनिर्वाचित विधायक अनंत प्रताप देव से है। इस अस्पताल में चिकित्सक की पदस्थापना कराने और गरीबों का इलाज शुरू कराने में भवनाथपुर विधायक कितने सफल हो पाते हैं यह देखना दिलचस्प होगा। हालांकि प्रखंड के लोगों का भी सवाल पुछना जायज़ है।