रांची:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही। यदि गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद के ट्वीट को सही मानें तो केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री के भाई और दुमका से झामुमो विधायक बसंत सोरेन को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने बसंत सोरेन से पूछा है कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत आप पर क्यों ना कार्रवाई की जाए।
निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर साधा निशाना
दरअसल, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल में लिखा है कि एक ठो नई सूचना। चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई और विधायक बसंत सोरेन की सदस्यता समाप्त करने का स्पष्टीकरण पूछा है। उन्होंने ये भी लिखा कि बीजेपी झारखंड को भी नोटिस की प्रतिलिपि मिली है। हालांकि, निशिकांत दुबे ने नोटिस की प्रतिलिपि साझा नहीं की है।
एक ठो नई सूचना चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के छोटे भाई व विधायक बसंत सोरेन जी की सदस्यता समाप्त करने का स्पष्टीकरण पूछा @BJP4Jharkhand को भी प्रतिलिपि
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 5, 2022
विधायक बसंत सोरेन पर क्या आरोप हैं
गौरतलब है कि दुमका विधायक बसंत सोरेन पर खनन कंपनी ग्रैंड माइनिंग में पार्टनरशिप लेने का आरोप लगा है। बीजेपी ने राज्यपाल से इसकी शिकायत की थी और राज्यपाल ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से इस पर राय मांगी थी। कहा जा रहा है कि अब केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने बसंत सोरेन को नोटिस जारी करके पूछा है कि आरोप के आलोक में आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना की जाए। इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पद का दुरुपयोग करते हुए अनगड़ा में खनन पट्टा का लीज हासिल किया।
रणनीति बनाने में जुटी है झारखंड मुक्ति मोर्चा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी किया है। उनसे 10 मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा फिलहाल इस मसले में रणनीति बनाने में जुटी है। मुख्यमंत्री कार्यालय में जवाब तैयार किया जा रहा है। दूसरी तरफ, मां के इलाज के सिलसिले में हैदराबाद गए मुख्यमंत्री बीच में दिल्ली पहुंचे और विधि-विशेषज्ञों से नोटिस को लेकर राय ली।