जामताड़ा:
आपको लगे रहो मुन्नाभाई नाम की फिल्म याद है क्या। बताइये। सर्किट और मुन्ना को कोई भूल सकता है भला। इस फिल्म में एक सेकेंड इनिंग होम भी दिखाया गया है। सेकेंड इनिंग होम में कुछ बुजुर्ग रहते हैं। फिल्म में विद्या बालन कहती है, ये इनकी लाइफ का सेकेंड इनिंग है। ये लोग इसे जमकर जीना चाहते हैं। झारखंड में भी एक सेकेंड इनिंग होम है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए सभी सुविधायें हैं
झारखंड की राजधानी रांची से 211 किमी दूर जामताड़ा जिले में कई सेकेंड इनिंग होम हैं। यहां कोई शतरंज की चाल में उलझा है तो कोई कैरम की गोटियों में अपनी उंगलियों का जादू चला रहा है।
कोई योग मुद्रा में है तो किसी ने बेडमिंटन रैकेट थामकर स्मैश लगाना शुरू कर दिया है। कोई चर्चा-परिचर्चा में बिजी है तो कहीं गाना-बजाना चल रहा है। इनकी उम्र पर मत जाइयेगा। ये सभी लोग दिल से जवां हैं। नजारा जामताड़ा का है। ये सभी लोग एल्डर्स क्लब के सदस्य हैं। एल्डर्स मानें बुजुर्ग। पर यहां कोई भी बुजुर्ग लग रहा है क्या। नहीं ना। यही तो खासियत है इस एल्डर्स क्लब की।
जामताड़ा के सभी छह प्रखंडों में एल्डर्स क्लब
दरअसल, जामताड़ा में उपायुक्त फैज अहमद की पहल पर एल्डर्स क्लब की स्थापना की गई है। जिले के जामताड़ा, नारायणपुर, करमाटांड़, फतेहपुर, नाला और कुंडहित प्रखंड में एल्डर्स क्लब का संचालन किया जा रहा है। यहां सीनियर सिटीजन के लिए इंडोर गेम, जैसे कि कैरम, लूडो और शतरंज की व्यवस्था है।
आउटडोर के लिए बैडमिंटन और योग का इंतजाम है। जो बुजुर्ग पढ़ना चाहते हैं, उनके लिए किताबें, अखबर और मैगजीन है। गौरतलब है कि पुरानी बिल्डिंग्स का मरम्मत कर उसे एल्डर्स क्लब के रूप में ढाल दिया गया है। ये हमेशा गुलजार रहता है।
जामताड़ा में एल्डर्स क्लब की स्थापना क्यों हुई!
जिले में 60 वर्ष से अधिक उम्र का हर नागरिक एल्डर्स क्लब का मेंबर है। सवाल है कि इसका आइडिया कैसे आये। दरअसल, बुजुर्गों को परिवार में अब वो स्थान और सम्मान नहीं मिल रहा जिसके वो हकदार हैं। डिजिटल क्रांति की वजह से लोगों का अधिकांश समय फोन में बीतने लगा है। पीढ़ी के अंतर की वजह से बच्चे भी बुजुर्गों से ज्यादा बात नहीं करते।
बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियां भी घेर लेती हैं। ऐसे में एल्डर्स क्लब का आइडिया आया ताकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए तनावमुक्त माहौल बनाया जा सके। अकेलेपन से उपजी उनकी मायूसी में हंसी-ठिठोली के लिए जगह बनाई जा सके। एल्डर्स क्लब में वरिष्ठ नागरिकों को ऐसे दोस्त मिलते हैं, जो सुख-दुख साझा करते हैं।
एल्डर्स क्लब को डिजिटल रूप भी दिया गया
अब तो क्लब को डिजिटल रूप भी दिया गया है। जामताड़ा एल्डर्स क्लब नाम का वेबसाइट लांच किया गया है। इस वेबसाइट के माध्यम से सभी प्रखंडों में एल्डर्स क्लब की जानकारी हासिल की जा सकती है। वेबसाइट के जरिए संबंधित क्लब तक पहुंचने का मैप, गैलरी के माध्यम से क्लब की तस्वीर आदि के अवलोकन की सुविधा के साथ कई महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं से जुड़े लिंक भी दिए गए हैं।
ओल्ड एज पेंशन, जन्म मृत्यु निबंधन, झारसेवा, ई-पेंशन, डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के अतिरिक्त कम्युनिटी लाइब्रेरी के लिए लिंक दिया गया है। लाइफ की सेकेंड इनिंग में एक बेहतरीन पारी खेलने के लिए एल्डर्स क्लब से बढ़िया और क्या हो सकता है।