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धनबाद बंद का असर : दुकानों पर ताले, सड़कें वीरान, मरीजों को दवाई तक नसीब नहीं; SSP व SP को हटाने की मांग  

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धनबाद 

धनबाद में दुकानदार और व्यवसायी रंगदारी मांगे जाने के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इसका असर साफ दिखाई दे रहा है। दुकानों के शटर पर ताले बंद हैं। सड़कें वीरान दिखाई दे रही हैं और बंद के कारण मरीजों को दवाई तक नहीं मिल पा रही है। कारोबारियों के बंद को धनबाद चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ कई अन्य व्यवसायिक व सामाजिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है। चैंबर के सहयोग से आज शहर में बाइक रैली भी निकाली गयी। इसमें हजारों की संख्या में कारोबारियों ने शिरकत की। 

रंगदारी से तंग आ चुके हैं कारोबारी 

मिली खबरों में कहा गया है कि धनबाद के कारोबारी रंगदारी मांगे जाने और रंगदारों की धमकियों से तंग आ गये हैं। उनको दुकान खोलना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए आर्म्स का लाइसेंस देने की मांग प्रशासन की है। साथ ही मांग की गयी है कि शहर के एसएसपी और एसपी का तबादला यहां से तुरंत किया जाये। क्योंकि इन अधिकारियों ने यहां के कारोबारियों को सुरक्षा औऱ रंगदारों से मिल रही धमकियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इस कारण से व्यवसायी दहशत में हैं।

बंद में दवा दुकानदार भी शामिल 

कारोबारियों का कहना है कि दुकानदार तो दुकानदार डॉक्टरों से भी रंगदारी मांगी जा रही है। यही कारण है अनिश्चितकालीन धनबाद में दवा दुकानदार भी शामिल हो गये हैं। लोगों का कहना है कि किसी बंद का धनबाद के इतिहास में ऐसा असर पहली बार देखा जा रहा है। छोटी-छोटी दुकान से लेकर बड़े-बड़े मॉल तक बंद कर दिये गये हैं। कारोबारियों का कहना है कि रंगदारी के लिए वे एक साल से अलग-अलग गुंडों से धमकी को झेलने के लिए विवश हैं। इसी बीच कई कारोबारियों पर रंगदारी के लिए जानलेवा हमले हो चुके हैं। 

प्रिंस खान गिरोह है सक्रिय 


कई दुकानदारों ने दबी जुबान से बताया कि धनबाद में रंगदारी की दहशत प्रिंस खान गिरोह से सबसे अधिक है। बताया जाता है कि प्रिंस खान दुबई से रंगदारी की दहशत फैला रहा है। उसके गुर्गे धनबाद के दुकानदारों से उसी के नाम पर रंगदारी मांगते हैं। रंगदारी की रकम का 70 फीसदी हिस्सा प्रिंस खान को भेजा जाता है। बाकी की 30 फीसदी रकम यहां के गुर्गे आपस में बांटते हैं। 

धनबाद के कारोबारियों पर हुए प्रमुख हमले- 


1.    11 जुलाई को गोविंदपुर स्थित बिहारी लाल चौधरी प्रतिष्ठान पर फायारिंग 
2.    8 अगस्त को भूली में साइबर कैफे में फायरिंग 
3.    12 अगस्त को बैंक मोड़ के सलूजा मोटर्स में फायरिंग 
4.    29 अगस्त को पुराना बाजार के बसंद ज्वेलर्स में फायरिंग 
5.    29 अगस्त को ही गोविंदपुर के खालसा होटल में फायरिंग 
6.    4 अक्टूबर को किया मोटर्स, जूही शोरूम पर हमला 
7.    28 अक्टूबर को कार सेंटर के मालिक पर हमला 
8.    नया बाजार के ठाकुर मोटर्स के मालिका पर दो बार फायरिंग 
9.    अप्सरा ड्रेसेज के मालिक पर फायरिंग 
10.    गोविंद पुर के पेट्रोल पंप में फायरिंग 
दुकानदारों के अनुसार इसके अलावे भी कई दुकानदारों और व्यवसायियों को रंगदारों ने निशाना बनाया है। उनको जान से मारने की धमकी दी है।