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झुनझुना दिखाकर ED-CBI भेज दिया, ताकि हम कुछ ना बोलें; गिरिडीह में बोले सीएम हेमंत

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द फॉलोअप डेस्क
सीएम हेमंत सोरेन ने गिरिडीह में आपकी योजना-आपकी सरकार कार्यक्रम में जोहार से साथ अपने संबोधन की शुरुआत की। अपने भाषण के दौरान सीएम ने केंद्र पर जमकर हमला किया। सीएम ने हमला करते हुए कहा कि झारखंड का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार के पास बकाया है। जो नहीं मिल रहा है। पहले राज्य को थोड़ा बहुत झुनझुना दिखाया गया फिर ईडी-सीबीआई को दौड़ा दिया गया ताकि हम बोलना बंद कर दें। लेकिन अपने हक-अधिकार के लिए हम सदियों से लड़ते हुए आये हैं। अगर झारखण्ड को उसका बकाया मिला होता तो हम लाखों लोगों को अबुआ आवास दे पाते, युवाओं को अन्य राज्य जाने की जरूरत नहीं होती, उनके लिए राज्य में ही रोजगार सृजन होता। गैस का सिलिंडर जो आज हजार रुपये में मिलता है वो हम 500 रुपयों में देते। जो आज जिला स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालय बनाये गए हैं, उन्हें गांव-गांव में स्थापित करने का काम करते। राज्य में लाखों नौकरियों को देने का काम होता।


मंच पर विपक्ष के नेताओं की तस्वीर लगाई गई है
सीएम ने आगे कहा कि यहां आप देख रहे होंगे यहां मंच के पीछे सभी विधायकों और मंत्रियों की तस्वीर लगी है। हमारे विपक्ष के लोग हैं उनकी भी तस्वीर यहां लगी है लेकिन वह लोग मंच पर नहीं आते हैं यही इस राज्य का दुर्भाग्य है। आज यहां आपके बगल में झंडा मैदान में पहली बार एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जहां पर सभी विभागों द्वारा अपना एक छोटा सा दफ्तर खोल कर रखा है। शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, आपूर्ति विभाग सहित सभी विभाग द्वारा यहां छोटा-छोटा स्टॉल लगाया गया है। इस स्टोर में लोग जा रहे हैं और जानने की कोशिश कर रहे हैं उनके लिए इस स्टाल में क्या कुछ है। विभाग में क्या है वह खोज-खोज कर ले जाने का काम कर रहे हैं। आज यह कार्यक्रम आप लोगों के लिए बनाया गया है ।
हमारी सरकार ने पदाधिकारियों को गांव तक पहुंचाया
कभी आप लोगों ने नहीं सुना होगा कि अलग राज्य होने के बाद पदाधिकारी सभी जिलों में जा रहे हैं। BDO-CEO कर्मचारी सभी लोगों के बीच जा रहे हो। आपलोगों ने नहीं सुना होगा कि पदाधिकारी गांव में जाकर जनता की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं लेकिन अब यह सब बदल गया है। अब सरकार अपने कर्मचारियों को आपकी सेवा के लिए तनख्वाह देती है। आज भी कई ऐसे गांव है जहां के लोगों को BDO-CEO का नाम नहीं पता है। ब्लॉक ऑफिस कभी नहीं देखा है। लेकिन ऑफिस देखने से क्या मतलब है काम होने से मतलब है तो पदाधिकारी आपकी सेवा के लिए सरकार की योजना की गठरी बांधकर आपके द्वार पर भेजने का काम कर रही है। हम आपको उसी गठरी से अपने लिए क्या चीज है- वृद्धा पेंशन आवास, भी सिंचाई यंत्र देने का काम कर रही है। जो योजना आपको लेना है उन्हें बिठाकर आप ले सकते हैं। राज्य में लगभग 80% आबादी हमारा गांव में बसता है। गांव ही इस राज्य का जड़ है, आत्मा है और हम समझते हैं कि हमारा गांव जब मजबूत होगा तभी राज्य मजबूत होगा। इसलिए हमारी हर एक योजना हमारे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


इन शिविरों के माध्यम से समस्यों के समाधान जारी
 जब हमने सरकार बनाई थी तो सरकार बनते ही कोरोना जैसा महामारी पूरे दुनिया में फैल गई। पूरा हाट बाजार, गाड़ी,काम-धंधा सब बंद हो गया। कोई घर से बाहर नहीं निकल पाता था। गिरिडीह गवाह है। इस जिले से सबसे अधिक लोग रोजगार के लिए दूसरे अलग-अलग जिलों में रोजगार के लिए निकलते हैं। इस जिले के लोग गवाह है कि कैसे लोग उसे वक्त लॉकडाउन में फंसे थे। है। झारखंड देश का या पहला राज्य है जहां मजदूरों को हवाई जहाज से ढो-ढो कर गांव और घर पहुंचाया गया था। डेढ़ साल पहले 2 साल तो वहीं कोरोना हमारा खा लिया और कोरोना के साथ-साथ हमारे विपक्ष में बैठे लोगों का षड्यंत्र भी चालू हो गया। सरकार ठीक से बनी नहीं कि दूसरे घंटे से ही सरकार गिराने में लग गए। लेकिन हमें उसकी चिंता नहीं है, हम अपना काम कर रहे थे। उसी चक्र में पहली बार 2021 में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की। फिर दूसरी बार 2022 में हम लोगों ने गांव-गांव में फिर से शिविर लगाया और आज यह तीसरी बार फिर से पदाधिकारी को गठरी बांधकर आपके आपके जिले में भेजना का काम किया और तो और इन शिविरों से हमें 80- 90 लाख समस्याएं आई। हमने माथा पकड़ लिया कि हमारे गांव में आज भी इतनी सारी समस्याएं हैं। हमें अलग राज्य बने 23 साल हो चुके हैं। एक-दो साल के बाद यह युवा राज्य हो जाएगा और इतना समस्या कैसे हैं। पिछले 23 सालों में कलेक्टरों ने क्या किया। इसका मतलब कोई काम नहीं होता था। जिला कार्यालय में कोई कर्मचारी काम नहीं करता था और पूर्व की सरकार पदाधिकारी,कर्मचारियों को आपकी सेवा में नहीं बल्कि अपनी सेवा में लगा कर रखा था। आज इन शिविरों के माध्यम से हमने परेशानियों को सूचीबद्ध किया और उन्हें समस्या के समाधान में हम लगे हैं। 

हमने लाई कई पेंशन योजना
पहले शिविर के माध्यम से हमने इस राज्य में असहाय बुजुर्ग कमजोर लोगों को जो दरबदर भड़काने के लिए मजबूर थे। उन्हें सहारा देने का काम किया और इस राज्य में पेंशन लागू करके सभी बुजुर्ग विधवा,विकलांग को पेंशन देने का काम किया है। आज लाखों की संख्या में कोई बुजुर्ग किसी भी गांव में बिना पेंशन का नहीं है। हम यहां बैठे सभी ग्रामीणों से पूछना चाहते हैं कि गांव में पेंशन योजना चल रही है या नहीं? दूसरे शिविर में हमने आने वाली पीढ़ी के लिए खासकर बच्चियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू किया। योजना का नाम सावित्रीबाई फुले योजना है। आज सावित्रीबाई फूले योजना  योजना के माध्यम से लगभग 8 लाख बच्चियों को हमने जोड़ा है। घर में अगर बेटी पैदा होती है तो वह ठीक से आठवी-नौवीं कक्षा तक भी नहीं पढ़ पाती है कि मां-बाप उसके लिए लड़का ढ़ूढ़ने में लग जाते थे। हम मां-बाप से हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि अब या काम करना छोड़ दीजिए। बेटियों को बोझ समझने बंद कीजिए हमने सावित्रीबाई फुले योजना प्रारंभ किया है आने वाले समय 12वीं क्लास के बाद इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, पत्रकार और भी अगर कोई बढ़िया पढ़ाई उसको करना हो तो राज्य सरकार उसका खर्च उठाएगी।


बच्चियों का पढ़ाएगी राज्य सरकार
सावित्रीबाई फुले योजना बनाने के वक्त बच्चियों हमने 2 बच्चियों का कानून बनाया था। हमको लगा इतने में सभी बच्चे हैं शामिल हो जाएंगे लेकिन कुछ बच्चियों से जब हम एक बार मिले तो पता चला कि उन  बच्चियों में  से सभी ने सभी बच्चियों ने सावित्रीबाई फुले योजना का लाभ लिया लेकिन लेकिन एक बच्ची इससे वंचित रह गई हमने उसे बच्ची से जब कारण पूछा तो पता चला कि घर में वह 3 बहने हैं बहने हैं एक भाई है एक भाई है हम तीसरी हैं इसलिए हमें इस योजना का लाभ नहीं मिला हमने उसी दिन ठान लिया कि इस राज्य अगर हमारे घर में दो-तीन चार बेटियां भी है चारों को सावित्रीबाई फुले योजना का लाभ मिलेगा इसीलिए अब आने वाले समय में भी उसके पढ़ाई की माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है हम लोगों ने छात्रवृत्ति योजना को भी कई गुना बढ़ा दिया अभी गुरु जी क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दसवीं 11वीं 12वीं की बच्चियों को क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा और आने वाले समय में वह कोई भी बढ़िया पढ़ाई वह कर सकती है आज आज के समय में बड़े-बड़े कॉलेज में पढ़ने के लिए कितना फीस है आपको पता है कहीं 5 लाख कहीं 10 लाख कहीं चार लाख भी चिंता आपको करने की जरूरत नहीं है गुरु जी क्रेडिट कार्ड आपके पास रहेगा आपको एक कॉम्पिटेटिव एक्जाम किसी बढ़िया कॉलेज का निकलेंगे तो ₹500000 का आपका फीस लगेगी अगर 10 लाख का भी लगेगा तो उसकी सहायता राशि सरकार देगी और आपको कोई गारंटी देने की जरूरत नहीं है ना ही आपको कोई जमीन बंधक रखने की जरूरत है जब तक पढ़ाई पूरी नहीं होगी सरकार को आपको पैसा भी वापस नहीं देना है पढ़ाई पूरा कीजिए नौकरी लीजिए उसके बाद सरकार को धीरे-धीरे करके पैसा दीजिए इसीलिए बच्चे हमारे बोझ जहां बने हमारे गरीब किसान इसलिए हमने या योजना बनाई है कई सारी चीज हम आपके लिए करना चाहते हैं लेकिन सब कुछ करने के सामने आर्थिक समस्याएं आने लगते हैं वह भी ऐसी आती हैं कि अगर आप आप कितना परेशान हो सकते हैं ।

2025 तक पूर्ण रूप से मजबूत हो जाएगा झारखंड 
आपका ये गिरिडीह जिला कई चीजों का ग्वाह है इसी जिला में डीबीसी योजना भी है। यहां के जिलों में डीवीसी कार्यरत है। डीवीसी कोयला झारखंड से लेता है। मगर कोयले का बकाया राज्य को नहीं मिलता और बिजली काट दिया जाता है। पूर्व की डबल इंजन सरकार के कारण राज्य सरकार के खाते से स्वतः बिजली का पैसा काट लिया जाता है। उस खाते में हमारे राज्य के जरूरतमंद लोगों के पेंशन की राशि रहती है, छात्र-छात्राओं का स्कॉलरशिप राशि रहती है, राशन का पैसा है, किसानों का पैसा है। लेकिन इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है। आपके लिए वर्तमान सरकार जिस तर्तपता का काम कर रही है। 2024 तक या 2025 तक यह युवा राज्य होगा। बीते 20 सालों में इस राज्य को बीमार करने का कोई काम नहीं छोड़ा गया। कैसे ये राज्य बीमार हो कैसे यहां के नौजवान न पढ़े लिखे, कैसे आपलोग अपने पैरों पर खड़ा न हो पाए और आज उसी नवसृजित झारखंड को उसकी जड़ों को हम मजबूत करने का काम कर रहे हैं। मुझे आशा नहीं पूरा भरोसा है कि अगर बीच में कोराना नहीं आया,सूखाड़ जैसा आपदा नहीं आई तो 2025 तक पूर्ण रूप से मजबूत हो जाएगा तो इस देश का जो सबसे पिछड़ा राज्य है वह इतनी तेजी से आगे बढ़ेगा कि आने वाले 5-6 सालों के अंदर यह अगड़ी राज्यों की सूची में शामिल होगा।


40 हजार और नियुक्तियां करने जा रही है सरकार
आज हमलोंगों ने जो जिला स्तर में ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट होते थे उसे हमने प्रखंड स्तर पर कराया। उसका नतीजा यह हुआ है कि अबतक हमने अलग-अलग प्रमंडल में जाकर लगभग 60-70 हजार बच्चों को प्राइवेट कंपनियों  में दिलाने का काम किया है। सरकारी नौकरी की बहाली लगातार निकल रही है। लगभग 40 हजार और नियूक्तियां करने जा रही है। जेपीएससी का नियमावली पहली बार बना लेकिन कुछ षड्यंत्रकारी लोग लगातार इस कोशिश में लगे है कि कैसे यहां के लोगों को नौकरी न मिले इसबार ये लोग कभी कोट कचहरी करवा देते है। कभी आंदोलन करवाने का कोशिश करते है। कुछ हमारे ही जात विरादरी के लोग हमारी ही मूलवासी आदिवासी लोग दलाल की भूमिका की काम करते है। यहां की अधिकारों को सूपुत करने की कोशिश में लगा है।