द फॉलोअप डेस्कः
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। ईडी की विशेष अदालत में पेशी से पहले कोलकाता में उनके करीबियों के यहां बुधवार को छापेमारी हुई। मामला शेल कंपनी के जरिए मनी लाउंडरिंग से जुड़ा है। जिसके तार हेमंत सोरेन से जुड़े हैं। सूत्रों के मुताबिक, रांची में वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में कोलकाता के मुदियाली में रेड करने के लिए रांची से ईडी की टीम पहुंची है।
बिधान सरणी में भी रेड
टीम ने योगेश अग्रवाल नामक कारोबारी के घर दबिश दी है। मुदियाली ही नहीं, ईडी की एक अन्य टीम ने बिधान सरणी स्थित इस बिजनेसमैन के दफ्तर में भी रेड मारी है। योगेश अग्रवाल के घर और दफ्तर पर ईडी की तलाश लगातार जारी है। सूत्रों का कहना है कि अग्रवाल परिवार रीयल इस्टेट, फाइनेंस और मोटर ट्रेनिंग स्कूल का कारोबार करता है। मोटर ट्रेनिंग कंपनी का नाम 'लाला भगवानदास मोटर ट्रेनिंग स्कूल' है। इन कंपनियों के निदेशक योगेश अग्रवाल और अनीशा अग्रवाल हैं।
कार मुदियाली व्यवसायी के नाम पर रजिस्टर्ड
इससे पहले भी इस मामले में दो कारोबारियों से पूछताछ की जा चुकी है। ईडी के अधिकारियों ने दावा किया है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के तार कोलकाता के कारोबारी से जुड़े हुए हैं। ईडी का आरोप है कि कोलकाता के कारोबारी योगेश अग्रवाल का रियल एस्टेट और फाइनेंस का कारोबार है। घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के ईडी अधिकारी झारखंड के अपने समकक्षों के साथ नियमित बैठक कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उनके आवास से एक कार बरामद की गई है। ईडी ने दावा किया कि जो कार मिली है वह मुदियाली व्यवसायी की कंपनी द्वारा पंजीकृत थी। हेमंत सोरेन की कार भी मुदियाली कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। यह पता चला है कि कोलकाता के दो व्यापारियों का बयान उन सबूतों में से एक था जो ईडी को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के मामले में मिले थे।