रांची:
मंगलवार को झारखंड कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मुलाकात की। इसमें सभी 18 विधायक, प्रभारी अविनाश पांडे, सह-प्रभारी उमंग सिंघार, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी (Jharkhand Pradesh Congress Committee) के अध्यक्ष राजेश ठाकुर और पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के प्रभारी डॉ. अजय (Dr. Ajay) शामिल थे। राहुल गांधी से मुलाकात करने वालों में हाल ही में पार्टी में वापसी करने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत भी शामिल थे। सुखदेव भगत ने भी राहुल गांधी से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की और कई बातें रखीं।
राहुल गांधी से मुलाकात में उठाया ये मुद्दा
सुखदेव भगत ने राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान झारखंड की कई ज्वलंत समस्याओं तथा मुद्दों को रखा। सुखदेव भगत ने राहुल गांधी को बताया कि प्रदेश में युवाओं की बेरोजगारी ज्वलंत मुद्दा है। सुखदेव भगत ने कहा कि राहुल गांधी बेरोजगारी का मामला पूरे देश में उठा रहे हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 (Jharkhand Election-2019) के दौरान कांग्रेस ने प्रदेश में प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात की थी।
सुखदेव भगत ने जेपीएससी (JPSC) का मुद्दा भी उठाया। कहा कि झारखंड गठन को 22 साल हो गये। महज 6 जेपीएससी का आयोजन किया जा सका है। छात्रों का समय न्यायालयों में बीत जाता है। झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) भाषा विवाद में फंसी है। भाषा विवाद संवेदनशील मसला है। सुखदेव भगत ने कहा कि अविलंब छात्र और झारखंड हित में फैसला किया जाये।
झारखंड कांग्रेस में बीते एक महीने में क्या हुआ
गौरतलब है कि झारखंड कांग्रेस उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। कुछ महीने पहले झारखंड कांग्रेस की कई महिला विधायकों ने आरोप लगाया था कि पार्टी फोरम में उनकी बात नहीं सुनी जा रही है।
महिला विधायकों ने सरकार पर भी उनकी शिकायत औऱ बातों को दरकिनार करने का आरोप लगाया था। अधिकारियों को लेकर भी शिकायत की थी। इधर जनवरी 2022 में प्रभारी आरपीएन सिंह (RPN Singh) ने पार्टी से इस्तीफा दिया और बीजेपी में शामिल हो गये। तब कई कांग्रेसी विधायकों ने कहा कि आरपीएन सिंह झारखंड में महागठबंधन की सरकार को गिराने की साजिशें कर रहे थे।
राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं को क्या नसीहत दी
कांग्रेस आलाकमान ने इसी बीच अविनाश पांडे (Avinash Pande) को झारखंड का प्रभारी बनाकर भेजा। उन्होंने आते ही मैराथन बैठकें की। विधायकों, नेताओं, जिलाध्यक्षों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। नसीहत दी की पार्टी का अनुशासन ना तोड़ें। को भी बात हो तो बयानबाजी करने की बजाय पार्टी फोरम में अपनी बात रखें। इसके बाद कांग्रेस ने समन्वय समिति का गठन किया। इसके चेयरमैन अविनाश पांडे बने। को-चेयरमैन उमंग सिंघार (Umang Singhar) को बनाया गया।
समिति के संयोजक प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) बने। बतौर सदस्य हाल ही में पार्टी में वापसी करने वाले प्रदीप बालमुचू (Pradeep Balmuchu) और सुखदेव भगत को भी शामिल किया गया जिसपर दबे स्वर में नाराजगी भी जाहिर की गई। मंगलवार को राहुल गांधी से मुलाकात हुई।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं सुखदेव भगत
गौरतलब है कि सुखदेव भगत (Sukhdeo Bhagat) झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। लंबे समय तक झारखंड में कांग्रेस पार्टी से सियासी पारियां खेलीं। बीते विधानसभा चुनाव-2019 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। लोहरदगा विधानसभा सीट से तात्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव (Dr Rameshwar Uraon) के सामने चुनाव लड़े लेकिन हार गये।
हाल ही में सुखदेव भगत वापस पार्टी में आये हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़ना उनके राजनीतिक करियर की बड़ी गलती थी। घर आकर अच्छा लग रहा है। सुखदेव भगत ने कहा था कि कांग्रेस उनके डीएनए में है।