द फॉलोअप डेस्कः
1951 में 46 फीसदी आदिवासियों की आबादी थी। अब यह घटकर 22 फीसदी रह गई है। मुस्लिमों की संख्या बांग्लादेशियों के कारण बढ़ी है। आनेवाले समय में आदिवासियों को खोजना पड़ेगा। आदिवासियों की घटती संख्या चिंता की बात है राजनीति की नहीं। यह बातें सदन के अंदर भानुप्रताप शाही ने कही। वह सदन में अनुपूरक बजट पर लाये गए कटौती प्रस्ताव के समर्थन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकतर मंत्री टी शर्ट पहन कर आए थे की 1932 लागू किया जाएगा, झारखंड का मूलवासी आदिवासी यह पूछना चाहता है कि कहां गया 1932 खतियान। स्थानीय नियोजन नीति कहां चला गया पता नहीं, नगर विकास में 28 में से 17 पदों पर बाहरियों को नियुक्त कर दिया गया और ये लोग मूलवासी की बात करते हैं।
पांच लाख नियुक्ति का क्या हुआ?
भानुप्रताप शाही ने कहा कि युवा सरकार बनी तो पांच लाख नियुक्ति देंगे और नहीं मिलने वालों को भत्ता देंगे से जुड़े सवाल पूछ रहे हैं। भानु ने कहा कि सरकार ने ठान लिया है की सिर्फ झूठ बोलेंगे और तब तक झूठ बोलेंगे जब तक सरकार बना नहीं लेते।
नौजवानों को ठगकर आयी है हेमंत सरकार
भानुप्रताप शाही ने कहा कि नौजवानों को ठगकर यह सरकार आयी है। जो परीक्षाएं कराती है उसे या तो रद्द कर देती है या फिर पेपर लीक करा देती है।अनुबंधकर्मियों का जीवन बर्बाद कर दिया। जब सरकार में आने से पहले संकल्पपत्र में अनुबंध कर्मियों के वेतनमान मानदेय फिक्स कर 60 साल तक के लिए नौकरी की बात कही थी, अनुबंध शब्द हटाना था।