द फॉलोअप डेस्क
असम के मुख्यमंत्री और झारखंड में चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार को हफीजुल हसन अंसारी के शपथ ग्रहण का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स) पर पोस्ट करते हुए लिखा था। लिखा था कि झारखंड राज्य में मंत्री ऐसे शपथ लेते हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे। इस पर जेएमएम ने पलटवार किया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सोशल मीडिया एक्स से पर लिखा कि इतना मत नीचे गिरिये हिमन्ता जी। अपनी नफ़रती राजनीति चमकाने के लिए समाज को मत तोड़िये।
जनता पहले ही आपकी नफ़रती राजनीति नकार चुकी है
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर दो पेपर कटिंग शेयर की है।एक कटिंग में शपथ लेने नियम क्या है, सुप्रीम कोर्ट इसपर क्या कहती है। यह लिखा है। वहीं लिखा है कि इतना मत नीचे गिरिये हिमन्ता जी। अपनी नफ़रती राजनीति चमकाने के लिए समाज को मत तोड़िये। देश अभी कुछ दिन पहले ही आपकी नफ़रती राजनीति नकार चुकी है।
सवालिया ढंग से जेएमएम के पोस्ट में लिखा था कि पहले ये बताइए:
कि भगवान/ईश्वर/अल्लाह/ईसू के नाम पर ही तो शपथ हुआ तो इसमें आपको तकलीफ़ क्या है ? आपके केंद्र में एक मंत्री ने तो बिना भगवान का नाम लिये शपथ लिया - तो वहाँ चुप क्यों बैठ गये, हल्ला क्यों नहीं मचाया ?
दूसरा - संविधान में शपथ के नियमों को ध्यान से पढ़ लीजिए एक बार। पर आप तो बाबा साहब के संविधान को मानते ही नहीं है, आप तो उसे ख़त्म करना चाहते हैं ना ?
इतना मत नीचे गिरिये हिमन्ता जी। अपनी नफ़रती राजनीति चमकाने के लिए समाज को मत तोड़िये।
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) July 8, 2024
- देश अभी कुछ दिन पहले ही आपकी नफ़रती राजनीति नकार चुकी है।
पर पहले ये बताइए:
- की भगवान/ईश्वर/अल्लाह/ईसू के नाम पर ही तो शपथ हुआ तो इसमें आपको तकलीफ़ क्या है ?
- आपके केंद्र में एक… https://t.co/ILp63AILdY pic.twitter.com/LmtO75tgFM
धार्मिक पंक्ति से शुरुआत करना गैर-संवैधानिक-बीजेपी
गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी और मुख्य सचेतक बिंरचि नारायण ने सोमवार को झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। उनको एक ज्ञापन सौंपा। बीजेपी ने राज्यपाल से कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने आज अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। पद और गोपनीयता की शपथ के दौरान मधुपुर के विधायक हफीजुल हसन अंसारी ने जिस तरीके से राज्यपाल के क़ल के बाद धार्मिक पंक्ति से शुरुआत की, वह गैर-संवैधानिक था। उनको दोबारा शपथ दिलाई जाये। तब तक उनको मंत्रिपद से मुक्त माना जाये। हालांकि राज्यपाल ने कहा है कि इस पर न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी।