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चौकीदार भर्ती परीक्षा में दिव्यांग को भी दौड़ा दिये गये 1600 मीटर, अभ्यर्थियों ने कहा- खुद पर तरस आ रहा

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द फॉलोअप डेस्कः
चौकीदार भर्ती परीक्षा में अभी तक सफल हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों को भी दौड़ना पड़ रहा है। विभाग की नियमावली को लेकर प्रश्न उठ रहा है। सवाल यह है कि पैर से दिव्यांग व्यक्ति को छह मिनट में 1600 मीटर कैसे दौड़ाया जा सकता है। 15 जनवरी को गिरिडीह स्टेडियम में हुई इस परीक्षा के बाद कुछ अभ्यर्थी जिलाधिकारी के पास पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। जिलाधिकारी के कार्यालय पहुंचे बगोदर के अभ्यर्थी राहुल कुमार सिंह और आनंद कुमार सिंह ने बताया कि चौकीदार भर्ती के विज्ञापन में 16 सीट दिव्यांग के लिए आरक्षित है। इसलिए फॉर्म भरा था। 18 अगस्त 2024 को परीक्षा हुई। गिरिडीह जिला के कई दिव्यांग ने परीक्षा दी। इनमें जितने अभ्यर्थी सफल हुए उन्हें दौड़ने को कहा गया। 5 और 6 दिसम्बर 2024 को सभी सफल अभ्यर्थी को दौड़ के लिए स्टेडियम बुलाया गया। उस दिन वेरिफिकेशन के बाद सभी को वापस भेज दिया गया। 15 जनवरी को फिर से बुलाया गया। 


राहुल और आनंद ने बताया कि 15 जनवरी को 35-36 सफल अभ्यर्थी दौड़स्थल पर पहुंचे। यहां पहुंचते ही पहले हाइट नापी गई। कम हाइट के कारण कुछ को रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद हाइट में पास अभ्यर्थियों को छह मिनट में 1600 मीटर की दौड़ लगाने को कहा। यह सुनकर सभी सन्न रह गए। अभ्यर्थी दौड़े भी लेकिन 6 मिनट में कुछ सौ मीटर ही दौड़ सके। 


राहुल ने कहा कि 10-12 अभ्यर्थी पहले ही हाइट में छट गए थे। बाकी बचे अभ्यर्थी को जब दौड़ने को कहा गया तो उस वक्त हमें एहसास हो गया कि दिव्यांग होना कितना बड़ा अपराध है। आज हमें खुद पर तरस आने लगा। उन्होंने बताया कि उनलोगों ने जिलाधिकारी को आवेदन दिया है और न्याय की गुहार लगायी है।