द फॉलोअप डेस्कः
भगवान बिरसा जैविक उद्यान में शुक्रवार को राधा नामक तेंदुआ की मौत हो गयी। राधा कुछ दिनों से बीमार थी। उसका इलाज पशु चिकित्सक डॉ ओमप्रकाश साहू कर रहे थे। कांके वेटनरी कॉलेज के पशु चिकित्सक डॉ असार अहमद और देहरादून के पशु चिकित्सक से भी परामर्श लिया जा रहा था लेकिन, अधिक उम्र होने के कारण तेंदुआ की की जान नहीं बच पाई। मादा तेंदुआ की मौत दिन के साढ़े 11 बजे हुई। वह 10 जुलाई से बीमार थी। जू के पशु चिकित्सक इलाज कर रहे थे। मौत के बाद पोस्टमार्टम हुआ। जिसके बाद राधा के शव को जू में ही जला दिया गया।
लखनऊ से लाया गया था राधा को
जू प्रशासन ने बताया कि प्रथम दृष्टया यही लग रहा है कि राधा हेपेटाइटिस और निमोनिया से ग्रसित हो गई थी। राधा के बिसरा को देहरादून और कांके वेटनरी कॉलेज भेजा गया है। बता दें कि लखनऊ में राधा का जन्म पांच जून 2009 को हुआ था। राधा के साथ रानी नामक मादा तेंदुआ भी लाई गई थी। राधा की मौत के बाद जू में आठ तेंदुआ बचे हैं। इनमें पांच मादा और और तीन नर तेंदुआ हैं। इनमें मिर्जा, हरि, प्रकाश, रानी, वैदेही, ज्योति और बोकारो से लाए गए दो तेंदुआ हैं। जिसका नाम नहीं रखा गया है। जू के निदेशक जब्बर सिंह ने बताया कि मादा तेंदुआ राधा को दो मार्च 2017 को लखनऊ स्थित वाजिद अली चिड़ियाघर से लाया गया था।
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