रांची:
जनशक्ति से जलशक्ति मिशन के तहत जिले की नदियों को बचाने के लिए चलाये जा रहे अभियान में सीआरपीएफ 94वीं बटालियन भी सामने आया है। गुरुवार को जिले के नक्सल प्रभावित अड़की प्रखंड की नरदा नदी को बचाने के एक अभियान की शुरूआत हुई। इसमें ग्रामसभा, अड़की, जिला प्रशासन और सेवा वेलफेयर सोसाइटी के साथ सीआरपीएफ ने भी मिलकर श्रमदान किया। जिसके बाद एक हजार बोरियों का एक विशाल बांध बनकर तैयार हो गया। बांध इतना बड़ा बना है कि पूरा नदी क्षेत्र पानी से लबालब हो गया है।
अभियान से प्रभावित होकर CRPF का सहयोग
जल संरक्षण और नदियों को बचाने के लिए चलाये जा रहे अभियान से प्रभावित होकर सीआरपीएफ 94 बटालियन के टूआईसी पीआर मिश्रा के निर्देश पर निरीक्षक मानसिंह यादव, उपनिरीक्षक विष्णु क्षत्री, सीताराम मीणा, सरोज, मनीष कुमार, सूरज सिंह समेत लगभग 50 जवानों ने बोरीबांध निर्माण में श्रमदान किया।
वहीं नदी बचाने के लिए जिला आपूर्ति पदाधिकारी रंजीता टोप्पो, प्रमुख सीता नाग, बीडीओ कुमार नरेंद्र नारायण, आत्मा के उपपरियोजना निदेशक अमरेश कुमार, निरंजन कुमार, सेवा वेलफेयर सोसाइटी की सबीता संगा, मुखिया शिवचरण सिंह मुंडा, भाजपा अजजा के जिलाध्यक्ष संजय मुंडा, ग्रामप्रधान खुदीराम सिंह मुंडा, बुंदीराम सिंह मुंडा, राजेश मुंडा, मोला मिर्धा, रमेश कुमार समेत ग्रामसभा के सदस्यों ने बोरीबांध निर्माण में श्रमदान किया।
दर्जनों एकड़ जमीन में सिंचाई की व्यवस्था हुई
नरदा नदी पर बने बोरीबांध से जहां इस नदी का संरक्षण सुनिश्चित हो गया है, वहीं इसके आसपास दर्जनों एकड़ जमीन सिंचाई की व्यवस्था हो गई है। बीडीओ नरेंद्र नारायण और आत्मा के उपपरियोजना निदेशक अमरेश कुमार ने किसानों से गरमा फसल की खेती करने और आम बागवानी लगाने को कहा। अधिकारियों ने कहा कि किसानों को हर सहायता प्रदान की जाएगी। सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर मानसिंह यादव ने कहा कि इस गर्मी में नदी पर बांध बनाकर उन्हें और जवानों को खुशी हुई। लबाबलब पानी देख मन प्रसन्न हो रहा है। संजय मुंडा ने कहा कि यह बांध अड़कीवासियों के लिए इस गर्मी में बरदान साबित होगा।
बोरीबांध के निर्माण से बालू उठाव पर लगा विराम
गौरतलब है कि अब इस नदी से होने वाला अवैध बालू उठाव पर भी विराम लगेगा। इसके लिए उन्होंने जनशक्ति से जलशक्ति अभियान की सराहना की। सबीता संगा ने बताया कि सेवा वेलफेयर सोसाईटी द्वारा अपना अस्तित्व खो चुकी बनई नदी को पुर्नस्थापित करने के साथ गांव-गांव में जल संरक्षण के लिए जिला प्रशासन और ग्रामसभाओं के साथ मिलकर बोरीबांध का निर्माण किया जा रहा है। ग्रामप्रधान ने कहा कि जल्द ही अड़की में और बोरीबांध बना कर जल संरक्षण का काम किया जाएगा।