द फॉलोअप डेस्कः
आज कांग्रेस भवन में प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेंस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया को संबोधित किया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अडानी समूह के शेयरों में निरंतर बिकवाली के कारण 31 दिसंबर 2022 से समूह में एलआईसी के शेयरों के मूल्य में 52 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। इनका मूल्य अब मात्र 32 करोड़ रुपये रह गया है। और एलआईसी तथा इसके करोड़ों पॉलिसीधारकों द्वारा कमाया गया सारा लाभ जो स्टॉक मार्केट में हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग के कारण हुआ था। उसका सफाया हो गया है और एलआईसी को एक बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। किसने भारत की वित्तीय प्रणाली के इस स्तंभ को आपके पसंदीदा व्यवसायी के लिए इतने जोखिम भरे सौदे में शामिल होने के लिए मजबूर किया। भारत के नागरिकों की बचत के साथ खेले गए इस जुए के लिए आपको कब जवाबदेह ठहराया जाएगा। इसलिए हम एलआईसी और एसबीआई के भवनों के सामने प्रदर्शन करेंगे। साथी 13 मार्च को राजभवन का घेराव करेंगे जिसमें 24 जिलों के लोग आएंगे।
कार्रवाई करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही
आगे उन्होंने कहा कि आज जबकि एमएससीआईए एस-पी डाउ जोन्स और एफटीएसई रसेल जैसी प्रमुख मार्केट इंडेक्स प्रदाता कंपनियां अदानी समूह की फर्मों की समीक्षा कर रही हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, एनएसईद्ध निवेशकों की सुरक्षा के लिए कोई गंभीर कार्रवाई करने में विफल रहा है। इसके विपरीत एनएसई ने 17 फरवरी 2023 को घोषणा की कि वर्तमान में शेयर बाजारों में डूब रही अदानी समूह की कंपनियों में से अतिरिक्त 5 को 14 सूचकांकों में शामिल किया जाएगा। इससे कई वित्तीय सलाहकारों ने अपने ग्राहकों को इन फंडों में निवेश न करने की सलाह दी है। जो उन सूचकांकों का बेंचमार्क के रूप में उपयोग करते हैं। लेकिन लाखों असहाय निवेशकों पर अभी भी उनकी गाढ़ी कमाई से इन डूब रही अडानी समूह की कंपनियों को उबारने के लिए मजबूर होने का खतरा मंडरा रहा है। क्या आप अपने करीबी दोस्त को इस संकट से उबारने के लिए एनएसई पर दबाव बना रहे हैं। सेबी को यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है कि लाखों निवेशकों का एक डूबते हुए व्यावसायिक समूह में निवेश कराके उनसे धोखाधड़ी न हो।
यदि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को इस मामले में जवाबदेह ठहराया जाना है तो जेपीसी के अतिरिक्त कोई भी अन्य समिति इस मामले में सारे दोषियों को वैध ठहराने और दोषियों को दोष मुक्त कराने की कवायद के अलावा और कुछ नहीं होगी। और ये क्यों है उसकी भी जानकारी आपको दी गई है क्योंकि ये सिर्फ सेबी के कानून तक सीमित नहीं है। मामला ये नहीं है कि सेबी के कानून का उल्लंघन हुआ है। नियमों का उल्लंघन हुआ है। पर इससे आगे बढ़कर भी अलग-अलग मुद्दे हैं। और पिछले 20 दिनों में रोज़ कांग्रेस पार्टी ने 3 सवाल उठाए हैं। आज भी सवाल उठाया गया है। आज भी तीन सवाल उठाए गए हैं। 60 सवाल हमने उठाए हैं। कोई सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति इसका जवाब नहीं दे सकती। ये जवाब सिर्फ एक जेपीसी के माध्यम से ही मिल सकता है। तो ये समिति अपना काम करेगीए हमारी कोई अपेक्षाएं नहीं हैं। यहां वहां कुछ नियम का उल्लंघन हुआ हैए कुछ कानून का उल्लंघन हुआ हैए पर जो मोटे मुद्दे हैं। जो हम रोज़ उठा रहे हैं। जो हमारे नेता राहुल गांधी ने उठाया था। लोकसभा में जो एक्सपंज किया गया जो हमारे नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में उठाया था। जो एक्सपंज कराया गयाए उन सवालों का जवाब सिर्फ जेपीसी के माध्यम से ही देश के सामने आ सकता है। क्योंकि ये जो मामला है वहाँ तक सीमित नहीं है। असली मामला ये है कि राजनीतिक और कॉर्पोरेट सांठ-गांठ है।
तो ये सुप्रीम कोर्ट की समिति के टर्म ऑफ़ रेफरेंस में नहीं होगाए है ही नहींए मैंने देखा है। दो महीने के अंदर क्या जांच कर पाएगी सरकार कितनी जानकारी उनको देगी। सभी लोग सक्षम हैं। बड़े.बड़े नाम हैं। उद्योग जगत के नाम हैं। न्यायपालिका के नाम हैं। पर ये मामला ऐसा है। इतना बड़ा फैलाया गया है कि सिर्फ जेपीसी ही इसकी जांच कर सकती है। 8 महीने लगेंए 9 महीने लगेंए 10 महीने लगें। आप तो जानते हैं कि हर्षद मेहता के मामले मेंए केतन पारेख के मामले में करीब एक साल जेपीसी में चर्चा हुई।
हम हार स्वीकार करते हैं
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि महांगाई चरम पर है। अर्थव्यवस्था चौपट है लेकिन फिर भी चुनाव के परिणाम आपके विपरित आते हैं ऐसा क्यों। इस पर राजेश ठाकुर ने कहा कि इसलिए तो 6 मार्च से हम प्रखंड प्रखंड जा रहे है। हाथ से हाथ जोड़ो अभियान हमारा चल रहा है। इसके जरिए हम जनता को बताएंगे कि कैसे जनता के साथ ये लोग छल करते हैं। चुनाव का परिणाम जितना अच्छा आना चाहिए था उतना नहीं आया है। लेकिन आने वाले समय में हम राहुल गांधी के नेतृत्व में हम यूं लोगों के बीच जाते रहेंगे और लोगों को जोड़ने का काम करेंगे। इसके बाद उनसे पूछा गया कि रामगढ़ उपचुनाव में हार की जिम्मदारी कौन लेगा। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि हम सबों की सामूहिक जिम्मेदारी है। हमने उस दिन ही स्वीकार किया था कि हम हार स्वीकार करते हैं। जनादेश के फैसले का सम्मान करते हैं। कैश कांड के विधायकों के बरी होने पर कहा कि हमें जो सूचना मिली थी हम उसके ही आधार पर एफआईआर करने गये थे, हमें भी सूचना से इतर कुछ नहीं मालूम था। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अलावा प्रदेश महासचिव बिनय सिन्हा दीपू, अमुल्य नीरज खलखो, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, डॉ एम. तौसीफ, रांची महानगर अध्यक्ष डॉ कुमार राजा उपस्थित थे।