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महंगाई, बेरोजगारी झेल रहे देशवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है कांग्रेसः राजेश ठाकुर 

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द फॉलोअप डेस्कः

आज झारखंड कांग्रेस ने मोरहाबादी स्थित  बापू वाटिका से कचहरी चौक होते हुए राजभवन का घेराव किया। प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर एवं नेता कांग्रेस विधायक दल आलमगीर आलम के नेतृत्व में यह मार्च संपन्न हुआ। राजेश ठाकुर ने कहा कि देश में बढ़ती महंगाई, उच्चतम बेरोज़गारी का दंश झेल रहे देशवासियों के साथ कांग्रेस कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। लेकिन एक ज़िम्मेदार विपक्षी दल होने के नाते हम भाजपाई सत्ता के मित्र पूंजीपतियों को सरकारी खजाने की लूट की खुली छूट और प्रधानमंत्री से संबंधित इस पूरे अडानी महाघोटाले में हो रहे घोटालों से भी चिंतित हैं। इसलिए हम सरकार को उसकी ज़िम्मेदारी से भागने की इजाज़त नहीं दे सकते। सरकार ने राहुल गांधी के सवालों और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के अंशों को बेशक संसदीय कार्यवाही से हटा दिया हो लेकिन भारत के लोग सब देख रहे हैं कि संसद में क्या हो रहा है। लोग जानना चाहते हैं कि सरकार संसदीय भाषणों का स्तर गिराने की कोशिश क्यों कर रही है और प्रधानमंत्री संसद में प्रासंगिक सवालों के जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं। 

 

सरकारी एजेंसियां कोई कार्यवाही नहीं कर रही है
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि देशवासी जानना चाहते हैं कि कैसे एक संदिग्ध साख वाला समूह, जिस पर टैक्स हेवन देशों से संचालित विदेशी शेल कंपनियों से संबंधों का आरोप है, भारत की संपत्तियों पर एकाधिपत्य कर रहा है और इस सब पर सरकारी एजेंसियां या तो कोई कार्यवाही नहीं कर रही हैं या इन सब संदिग्ध गतिविधियों को ही सुगम बनाने में जुटी हैं। भारत के लोग बहुत बुद्धिमान हैं और वे नरेंद्र मोदी और उनके मित्र पूंजीपतियों के बीच की दोस्ती को समझ सकते हैं। वे जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री ने एक मित्र पूंजीपति को विश्व के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बनाने में मदद क्यों की और वे इस गंभीर अंतरराष्ट्रीय खुलासे पर चुप क्यों हैं? 


राष्ट्रीय संसाधनों पर एकाधिपत्य क्यों 
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि हम किसी व्यक्ति के दुनिया के अमीरों की सूची में 609वें से दूसरे स्थान पर पहुंचने के खिलाफ नहीं है। लेकिन हम निस्संदेह सरकार द्वारा प्रायोजित निजी एकाधिकारों के ख़िलाफ़ हैं क्योंकि वे जनता के हितों के विरुद्ध होते हैं। विशेष तौर पर हम टैक्स हेवन देशों से आपत्तिजनक संबंधों, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक ख़ास व्यक्ति द्वारा हमारी अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना और राष्ट्रीय संसाधनों का लाभ उठाते हुए एकाधिपत्य स्थापित करने के ख़िलाफ़ हैं। 

क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम देश में फिर से कंपनी राज स्थापित नहीं होने देंगे, कॉंग्रेस पार्टी ने आजादी का संघर्ष गोरों से किया था अब अब हमारा संघर्ष चोरों से है। हम जानना चाहते हैं कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर जाँच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाने से क्यों डर रही है जबकि संसद के दोनों सदनों में उसका अच्छा बहुमत है। प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आने से पहले काला धन भारत वापस लाने और हर नागरिक के बैंक खाते में 15.20 लाख रुपए डालने का वादा किया था लेकिन आज की कड़वी सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। 

बादल पत्रलेख ने कहा- 
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि स्विट्ज़रलैंड के केंद्रीय बैंक के पिछले वार्षिक डेटा के मुताबिक 2021 में स्विस बैंकों में जमा भारतीय व्यक्तियों और कंपनियों का पैसा 14 वर्षों के उच्चतम स्तर 3.83 बिलियन स्विस फ़्रैक्स 30500 करोड़ रु से अधिकद्ध पर पहुँच गया है। उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि टैक्स हेवन देशों से संचालित होने वाली विदेशी शेल कंपनियों से भारत आने वाले काले धन का असली मालिक कौन है।


विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कई बार भ्रष्टाचार से लड़ने में अपनी निष्‍ठा और नीयत की बातें की है लेकिन उनके क़रीबी मित्र स्पष्ट तौर पर ऐसे अवैध कार्यों में लिप्त रहे हैं जो आम तौर पर माफ़ियाए आतंकी और शत्रु देश रहते हैं। वर्षों से प्रधानमंत्री मोदी ने ईडी, सीबीआई और खुफ़िया राजस्व निदेशालयद्ध जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग अपने राजनीतिक या सैद्धांतिक प्रतिद्वंदियों को डराने धमकाने के लिए किया है। साथ ही उन व्यापारिक घरानों को दंडित करने के लिए भी किया है जो उनके पूंजीपति मित्रों के वित्तीय हितों के अनुरूप नहीं हैं।