द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड कांग्रेस के विधायकों का विवादों से गहरा नाता रहा है। सरकार बनने के साथ ही कई विधायक विवादों में आ गए। कभी कैश कांड, तो कभी सरकार अस्थिर करने की साजिश, तो कुछ मंत्री बनने के लिए बगावत। पहले तो विधायक पकड़े गये, जेल गए, और अब पार्टी के मंत्री आलमगीर ईडी ने गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल सरकार बनने के साथ ही जुलाई-अगस्त 2020 में ही पार्टी के तीन विधायकों को सरकार अस्थिर करने का प्रलोभन मिलने की बात सामने आयी थी। 2022 में फिर से कांग्रेस के तीन विधायक कोलकाता में 49 लाख कैश के साथ पकड़े गये। जेल भी गये। बाद में उन्हें रायपुर तक शिफ्ट कर दिया गया। 2024 में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी, इस्तीफे और नई सरकार के गठन के बाद विधायकों को हैदराबाद भेजा गया। बहुमत साबित करने के एक दिन पहले लाया गया।
चंपाई सोरेन की सरकार गठन होने के दौरान कांग्रेसी विधायकों में नाराजगी दिखी। विधायक दिल्ली तक गए, लेकिन पार्टी ने पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया। कुछ दिनों पहले कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव और उनके नौकर के यहां ईडी की छापेमारी में करीब 37.37 करोड़ बरामद किए। इसके बाद आलमगीर आलम को पार्टी की चुनावी सभा से दूर रखा गया। ईडी के समन और दो दिनों की पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी हो गई।