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डीलिस्टिंग का मुद्दा उठाकर आदिवासियों में जहर घोल रहा जनजाति सुरक्षा मंच- बंधु तिर्की

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

रविवार को रांची में आयोजित डीलिस्टिंग महारैली पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच आदिवासियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों पर जहर घोल रहा है। बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासी समुदायों के बीच दीवार खड़ी करने की बजाय जनजाति सुरक्षा मंच को जनजातीय समुदाय के हित को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासियों के हबीच सरना या ईसाई धर्म के आधार पर मतभेद नहीं है। हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत है। उन्होंने कहा कि गांव-देहात से लेकर शहर तक झारखंड की मौलिक संस्कृति से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। बंधु तिर्की ने कहा कि डीलिस्टिंग महारैली में शामिल हुए पूर्व सांसद कड़िया मुंडा को बताना चाहिए कि उन्होंने जनजातीय समाज के लिए क्या किया है। 

बंधु तिर्की ने ध्रुवीकरण का आरोप लगाया!
बंधु तिर्की ने जनजाति सुरक्षा मंच की डीलिस्टिंग महारैली को आगामी आम चुनावों के मद्देनजर ध्रुवीकरण का प्रयास बताया। आरएसएस पर निशाना साधते हुए बंधु तिर्की ने जनजाति सुरक्षा मंच के गठन के पीछे वनवासी कल्याण केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मोरहाबादी मैदान में उठाया गया डीलिस्टिंग का मुद्दा झारखंड में महत्व नहीं रखता। बंधु तिर्की ने कहा कि संविधान धार्मिक स्वतंत्रता का हक देता है। उन्होंने कहा कि किसी दूसरे धर्म में दीक्षित व्यक्ति अपनी संस्कृति से नहीं कट सकता। बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासी समाज सरना धर्मावलंबी हैं और विभिन्न अंतराल पर ईसाई, मुस्लिम या सनातन धर्म अपनाया है। 

सरना धर्म कोड पर स्थिति स्पष्ट करे मंच!
बंधु तिर्की ने कहा कि ईसाई ही क्यों, जनजाति सुरक्षा मंच को दूसरे धर्मों पर भी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति-परंपरा का अनुसरण कैसे करना है, आदिवासी बखूबी जानता है। उसे किसी और से जानने की आवश्यक्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि मंच इतना ही आदिवासी हितैषी है तो ट्राइबल जमीन की लूट, ठगी और अन्य हितों को नुकसान पर क्यों कुछ नहीं बोलता। बंधु तिर्की ने कहा कि ट्राइबल डेमोग्राफी में नकारात्मक बदलाव आया है। दूसरे प्रदेशों से आकर लोगों ने आदिवासी जमीनें लूट ली। रांची सहित अन्य शहरों से आदिवासियों को उजाड़ा गया है।

बंधु तिर्की ने कहा कि कार्तिक उरांव का नाम लेने वाले लोगों को बताना चाहिए कि अखिल भारदीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा चलाए जा रहे 72 स्कूलों का अनुदान बीजेपी सरकार ने क्यों बंद किया। बंधु तिर्की ने कहा कि आज की रैली का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों को तोड़कर आरक्षण खत्म करना है। केंद्र का भी इस रैली को समर्थन था। बंधु तिर्की ने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच सरना धर्म कोड पर क्यों नहीं बोलता। विसंगितियों को ठीक करने की बात क्यों नहीं करता।