रांची
आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा ने झारखंड के सभी आश्रम आवासीय विद्यालयों में भावनात्मक विकास आधारित कार्यक्रम 'आरोहन' की शुरुआत की। इस अवसर पर आदिवासी कल्याण आयुक्त कार्यालय, मोराबादी में आज झारखंड के सभी आश्रम विद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षकों का सेशन आयोजित किया गया। बता दें कि 'आरोहन' कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र एवं छात्राएं अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने, अपने आतंरिक गुणों एवं क्षमताओं को पहचानने और अपने जीवन को उन्नति के मार्ग पर ले जाने का कौशल सीखेंगे। 'आरोहन' कार्यक्रम के उद्देश्य पर जोर देते हुए आदिवासी कल्याण आयुक्त ने कहा कि विद्यालयों का कार्य केवल साक्षरता को बढ़ावा देना नहीं बल्कि विद्यार्थियों को पूर्ण रूप से शिक्षित करना है। विद्यार्थियों को हर तरह की परिस्थिति में भी निरंतर आगे बढ़ते और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए तैयार करना है।
ये है 'आरोहन' का लक्ष्य
मौके पर वर्ल्डबीइंग इंडिया फाउंडेशन की कंट्री डायरेक्टर नंदिता भाटला ने बताया कि शिक्षा नीति, 2020 बच्चों के समग्र विकास और शिक्षा को सशक्त करता है। कहा कि 'आरोहन' कार्यक्रम एक वैज्ञानिक शोध पर आधारित कार्यक्रम है। इसमें भावनात्मक विकास और किशोर व किशोरियों को चारित्रिक गुण, भावनाओं की समझ एवं उसका कुशल प्रबंधन, लक्ष्य निर्धारण, रिश्ते एवं सामाजिक कौशल, समस्या समाधान, जेंडर तथा किशोरी स्वास्थ्य से सम्बंधित जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे छात्र जीवन में आने वाली चुनौतियों व तनाव का सामना सफलतापूर्वक कर सकेंगे।
मौके पर ये लोग रहे उपस्थित
इस मौके पर आदिवासी कल्याण आयुक्त कार्यालय के उप निदेशक धीरेन्द्र कुमार सिंह एवं उप निदेशक मुमताज अली अहमद उपस्थित रहे। इसके अलावा नागर समाज के प्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद थे। कार्यक्रम के क्रियान्वयन की रूप रेखा की विस्तृत जानकारी वर्ल्डबीइंग के प्रतिनिधि सुनैंसी प्रिया और हरिशंकर सिंह ने दी। कार्यक्रम का समापन वर्ल्डबीइंग इंडिया के राज्य प्रमुख बिनोद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए किया।
हमें फॉलो करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें -