रांची:
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। हेमंत सोरेन ने गृह मंत्रालय से मांग की है कि यूक्रेन में फंसे झारखंडी छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री से अपील की है कि यूक्रेन में युद्ध जैसे हालात में फंसे झारखंडी छात्रों की सुरक्षित देश वापसी के लिए हरसंभव प्रयास किया जाये। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय को बकायदा यूक्रेन में फंसे झारखंडी छात्रों की सूची और उनका कॉन्टैक्ट नंबर भी सौंपा है।
In this hour of crisis in Ukraine, our thoughts are with our brothers & sisters. I have written to @AmitShah’ji @HMOIndia requesting immediate necessary steps to ensure the safe return of all citizens of Jharkhand stranded in Ukraine. We are committed to ensure safe return of all pic.twitter.com/IYlv4BAqda
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 27, 2022
यूक्रेन में युद्ध के भयावह हालात हैं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चिट्ठी में लिखा है कि बीते काफी दिनों से रूस और यूक्रेन के बीच तनाव है। तनाव अब युद्ध में तब्दील होता दिख रहा है। रूसी सैनिकों ने यूक्रेन की राजधानी कीव सहित सभी प्रमुख शहरों में दस्तक दी है। रूसी सैनिकों की बड़ी संख्या यूक्रेन की सीमा के चारों तरफ मौजूद है। कीव सहित अधिकांश शहरों में रूसी सैनिकों द्वारा बमबारी की जा रही है। वहां से युद्ध की भयावह तस्वीरें सामने आ रही है। अपार्टमेंट से लेकर सड़क तक सब बर्बाद हो चुके हैं।
बड़ी संख्या में फंसे हैं झारखंडी छात्र
चिट्ठी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लिखा है कि यूक्रेन में इस वक्त तकरीबन 20 हजार भारतीय नागरिक फंसे हैं। इनमें से 18 हजार छात्र हैं। इनमें एक बड़ी संख्या झारखंडी छात्रों की है। जिस तरह की तस्वीरें और खबरें सामने आ रही है, यूक्रेन में फंसे झारखंड के छात्रों के अभिभावक मुख्यमंत्री सचिवालय में संपर्क करके पूछ रहे हैं कि उनके बच्चों के लिए क्या किया जा रहा है।
छात्र मुश्किल में हैं। सीमित संसाधनों के बीच वो सब मेट्रो लाइन के लिए बने बंकर्स में रह रहे हैं। सीएम ने गृहमंत्री से कहा कि हमें वहां पहुंचना चाहिये और हरसंभव उनके रेस्क्यू के लिए काम करना चाहिये।
झारखंडी छात्रों की सूची सौंपी गई
चिट्ठी में लिखा है कि गृह मंत्रालय को झारखंडी छात्रों की एक सूची सौंप रहा हूं। इसमें उनके कॉन्टैक्ट नंबर्स भी हैं। हमारी अपील है कि गृह मंत्रालय यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों को निर्देशित करे कि वो छात्रों के पास पहुंचे। उनको जरूरत की चीजें मुहैया करवायें और जितनी जल्दी हो सके उनको यूक्रेन से निकालने की दिशा में काम करें।