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सीएम हेमंत ने गोड्डा की कल्याण पदाधिकारी को 'ऑन स्पॉट सस्पेंड' किया, क्या थी वजह

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

बालिका शिक्षा को समर्पित झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार द्वारा संचालित सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना में लापरवाही बरतना गोड्डा की जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को भारी पड़ गया। नायक फिल्म की तर्ज पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनिशा कुजूर को ऑन स्पॉट सस्पेंड कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अनिशा कुजूर के खिलाफ शिकायत थी कि वह सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना का लाभ समय पर नहीं दे रही हैं। अनिशा कुजूर पर आरोप था कि वह पहले भी सरकारी निर्देशों की अवहेलना करती रही हैं। योजनाओं को धरातल पर उतारने में उदासीन रही हैं। 

गोड्डा के पथरगामा में मुख्यमंत्री का एक्शन
दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शिरकत करने गोड्डा जिला के पथरगामा पहुंचे थे। इस दौरान सीएम अलग-अलग पंचायतों से शिविर में आए लाभुकों और बच्चों से बातचीत कर रहे थे। तभी कुछ बच्चियों ने बताया कि उनको सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना का लाभ नहीं मिल रही है। बच्चियों की समस्या सुनकर मुख्यमंत्री की भृकुटी तन गई। उन्होंने वहीं ऑन द स्पॉट जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को निलंबित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों को मिलने वाले अधिकार से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। 

क्या है सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना
सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना राज्य की हेमंत सरकार द्वारा संचालित महात्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत राज्य में लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए उनका शिक्षा, स्वास्थ्य औऱ पोषण के दृष्टिकोण से सर्वांगीण विकास का लक्ष्य तय किया गया है। इस योजना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में लड़कियों का ड्रॉपआउट रोकना और बाल विवाह को रोकना है। सरकार चाहती है कि बच्चियां शिक्षा हासिल कर आर्थिक औऱ सामाजिक तौर पर आत्मनिर्भर बन सके। 

सरकार के लिए क्यों अहम है सावित्रीबाई फूले योजना
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जहां भी जनसभा को संबोधित करते हैं, सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना का जिक्र करना नहीं भूलते। मुख्यमंत्री कहते हैं कि झारखंड में ग्रामीण इलाकों और गरीब परिवारों में बच्चियां 8वीं पास भी नहीं करती और माता-पिता शादी के लिए दूल्हे की तलाश करना शुरू कर देते हैं। कम उम्र में शादी होने से लड़कियां कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझती है। कम उम्र में गर्भधारण उनके लिए खतरनाक साबित होता है। लड़कियां आर्थिक और सामाजिक आधार पर दूसरों पर आश्रित हो जाती हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि मैं यह स्थिति बदलना चाहता हूं। झारखंड में किसी भी बच्ची को पैसों की कमी की वजह से पढ़ाई न छोड़नी पड़े, उसके लिए योजना लाई गई। 

सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना के प्रावधान
पहले सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना के तहत एक परिवार की 2 लड़कियों को आर्थिक सहायता देने का प्रावधान था लेकिन अब इस योजना में एक परिवार की सभी बच्चियों को समाहित किया गया है। मुख्यमंत्री इसके पीछे का दिलचस्प कारण भी बताते हैं। मुख्यमंत्री ने कई बार सार्वजनिक मंच से इस वाकये का जिक्र किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि किसी कार्यक्रम में उनकी 15 बच्चियों से मुलाकात हुई। उन्होंने बच्चियों से पूछा कि किस किस को सावित्रीबाई फूले योजना का लाभ मिलता है। 14 बच्चियों ने हाथ खड़ा किया लेकिन एक ने नहीं। मुख्यमंत्री ने कारण पूछा तो पता चला कि योजना केवल 2 बेटियों के लिए है और वह परिवार में तीसरी बेटी है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि इससे मुझे झटका लगा। मुझे लगा कि यह गलत है। फिर मैंने योजना में एक परिवार की सभी बेटियों को समाहित करने को कहा। 


खैर, अब सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना में लापरवाही के आरोप में गोड्डा की जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री के इस फैसले की खूब चर्चा हो रही है। लोग कह रहे हैं कि इसे बाकी लापरवाह पदाधिकारियों को सबक मिलेगा।