रांची:
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र जारी है। सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान झारखंड राज्य कर्मचारीय चयन आयोग की परीक्षाओं में क्षेत्रीय भाषा की सूची से हिंदी को हटाए जाने का मामला उठा। बीजेपी विधायक शशिभूषण मेहता ने इस बाबत सवाल पूछा था। कहा था कि, राज्य की अधिकांश आबादी हिंदी बोलती है। हिंदा भाषा को क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटा दिया गया। ऐसे में हिंदी भाषी अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी हुई है। क्या सरकार सुनेगी।
नियुक्ति प्रक्रिया में पहले ही शामिल है हिंदी
इसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की इंटर व मैट्रिक स्तर की नियुक्ति प्रक्रिया में हिंदी पहले से विद्यमान है। इसे ऑप्शनल में रखने का कोई औचित्य नहीं बनता। उन्होंने कहा कि, पहले से ही ये प्रावधान है कि अभ्यर्थियों को हिंदी और अंग्रेजी में पास होना होगा।
अभी तो स्थानीय भाषा को जोड़ने का काम हो रहा है। हिंदी पहले ही विद्यमान है। इसे ऑप्शनल में रखा गया तो क्षेत्रीय भाषी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा।
मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान पूछ रहे थे सवाल
गौरतलब है कि बीजेपी विधायक शशिभूषण मेहता मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सवाल पूछ रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदी को ऑप्शनल में जोड़ने को लेकर सरकार क्या करने जा रही है। वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं है।