द फॉलोअप डेस्कः
आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जामताड़ा में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशान साधा है। उन्होंने कहा है कि अभी 2-3 महीनें में चुनाव होने वाला है। ये लोग पूरे देश में संप्रादायिक तनाव फैलाकर हमेशा प्रयासरत रहते हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में भी पूरा देश में संप्रादायिक तनाव फैला दिया। देश के प्रधानमंत्री लागतार हिंदू मुस्लिम की तुष्टिकरण करते रहे और नतीजा ये हुआ कि पूरा देश की जनता ने भाजपा को 6 इंच छोटा कर दिया। आज ये सरकार बनाने के लिए बैशाखी का सहारा लेते हैं। अभी-अभी पता चला है कि वन नेशन वन इलेक्शन को मंत्रिमंडल में स्वीकृति दी है। ये लोग चाहते हैं कि एक ही दल राज करे एक ही सरकार रहे। चाहे राज्य में हो या देश में हो। अब दूसरा कोई सरकार नहीं। सिर्फ ये संप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले लोग ये समांती लोग राज करने के फिराक में है। आप तैयार रहिएगा एक तरफ पूंजीपतियों की ये जमात और दूसरे तरफ गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यकों की जमात। इनको लोकसभा चुनाव में जो सीख मिली है वहीं विधानसभा में सीख विधानसभा में भी देने की जरूरत है। ये लोग जहां झगड़ा करते हैं वहीं इनकी राजनीतिक रोटी पकती है। ये गुजरात की जमात झारखंड, बिहार में संप्रादायिक सौहार्द कैसे बिगड़े उसी में लगे रहते हैं। इनके पास नेता नहीं है तो अगल-बगल के राज्यों से नेता बुलाते हैं।
गिद्ध की तरह मंडरा रहे भाजपा के नेता
हमारे विरोधी लगातार इस राज्य में गिद्ध की तरह मंडरा रहे हैं। इनके पास विकास को लेकर बात करने को कुछ नहीं है। इन लोगों ने रेल बेच दिया, स्टेशन बेच दिया, हवाई जहाज बेच दिया, एयरपोर्ट बेच दिया। जो प्लेटफॉर्म टिकट 2 रुपया में मिलता था उसकी कीमत 50 रुपया हो गई। अभी ये लोग संप्रादयिक दंगा फैलाने में लगे है। कल से ये लोग गांव-गांव घूमेगा और कहेगा कि हिंदू खतरे में है, हिंदू मुस्लिम करेगा, आदिवासी-गैर आदिवासी करेगा और हमलोगों को आपस में लड़वाएगा। ये लोगों ऐसे जहर बोते हैं जो संप्रादायिक सौहार्द में तनाव फैलता है।
मील का पत्थर साबित होगी मंईयां सम्मान योजना
सीएम ने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा है कि हम पूरे राज्य का दौरा कर रहे है। हम जानना चाहते हैं कि जो हमने वादा किया था कि हमारी सरकार रांची से चलने वाली सरकार नहीं हमारी सरकार गांव से चलने वाली सरकार है तो वह गांव से चल रही है कि नहीं। मंईयां सम्मान योजना इस राज्य की आधी आबादी के लिए ऐसा कदम है जो महिला सशक्तिकरण के लिए मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। 2019 में हमने सरकार बनाया उस वक्त कोरोना आ गया। सब कुछ बंद हो गया था। उस समय भी हमने अफरा तफरी का माहौल नहीं बनने दिया। हमने बाहर राज्यों से यहां के मजदूरों को हवाई जहाज से, बस से, ट्रेन से उनके घर तक पहुंचाया। पहले लोगों को पेंशन नहीं मिलता था आज हमने कानून बना दिया है कि 50 साल से ऊपर के सभी को पेंशन मिलेगा। जो विपक्ष 20 सालों में नहीं कर पाए हमने 5 साल में किया है।
बकाया राशि नहीं देती है केंद्र सरकार
इतना काम करने के बावजूद हमारे विपक्ष के पेट में दर्द होने लगा। हमको दो साल तक परेशान किया। झूठा आरोप लगाकर जेल भेज दिया। सरकार कोई काम करे ईडी सीबीआई को लगाकर रोड़ा लगाने लगे। हक अधिकार मांगने लगे तो जेल में डालने लगा। 1 लाख 36 करोड़ कोयला का बकाया अभी तक नहीं दिया है। अगर उसका ब्याज ही हमको दे देत तो विकास की रफ्तार में कई गुणा तेजी होती। सब चीज में सौतेला व्यवहार। इन्होंने राशन देने में भी हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया। आवास देने के लिए हमलोग भारत सरकार के पास नाक रगड़ते रहे लेकिन नहीं दिया। तब हमने फैसला किया कि हम अबुआ आवास देंगे। आने वाला पांच साल के अंदर सभी गरीबों को अबुआ आवास मिलेगा। अभी चुनाव आया है तो भारत सरकार ने डेढ़ लाख लोगों को पैसा स्वीकृति किया है। ये व्यापारियों की जमात है। ये पैसा गरीबों को नहीं देंगे बल्कि आपसे महंगाई बढ़ाकर आपके जेब से पैसा निकाल लेगा।