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CM हेमंत सोरेन ने देवेंद्र मांझी को दी श्रद्धांजलि कहा; शहीद के सपनों का झारखंड बनायेंगे 

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द फॉलोअप डेस्क 

झारखंड हमेशा से वीरों और शहीदों की धरती रही है। यहां के अनेकों वीरों ने अन्याय और शोषण के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी। इस लड़ाई में कई ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। इन्हीं शहीदों में एक नाम है -देवेंद्र मांझी। इन्होंने जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए अपनी शहादत दे दी। जल- जंगल-जमीन के प्रणेता के रूप में उनके योगदान को हम कभी भुला नहीं सकते। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोईलकेरा में शहीद देवेंद्र माझी के 29वें शहादत दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने शहीद स्मारक पर माल्यार्पण कर झारखंड की माटी के वीर सपूत शहीद देवेंद्र मांझी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
 

 शहीदों के सपनों के अनुरूप झारखंड का कर रहे नवनिर्माण 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वीरों ने झारखंड अलग राज्य के आंदोलन और आदिवासी-मूलवासी तथा जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए लंबा संघर्ष किया। अब हमारा दायित्व बनता है कि इन शहीदों के सपनों के अनुरूप झारखंड का संवारे। यहां के लोगों को पूरे मान-सम्मान के साथ उनका हक और अधिकार दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से पंचायतों में शिविर लगाकर लाखों लोगों की समस्याओं का समाधान किया गया। अब एक बार फिर यह कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। अधिकारी आपके घरों पर जाकर आपको सरकार की योजनाओं की ना सिर्फ जानकारी देंगे बल्कि इसका लाभ दिलाने का भी काम करेंगे। झारखंड एक ऐसा राज्य है, जहां के अधिकारी दूर- दराज और सुदूर गांवों में जाकर आपके दरवाजे पर आपकी परेशानियों का समाधान कर रहे हैं। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

हर वर्ग और हर तबके लिए है योजनाएं 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हर वर्ग और तबके की जरूरत और कल्याण को ध्यान में रखकर सरकार योजनाएं बना रही हैं। हर योजना लोगों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, फूलो झानो आशीर्वाद योजना, सोना -सोबरन धोती साड़ी योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना और नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि जैसी कई योजनाओं के माध्यम से राज्य और राज्यवासियों का विकास हो रहा है। इस अवसर पर  मंत्री श्रीमती जोबा मांझी, विधायक निरल पूर्ति, दीपक बिरुवा,  सुखराम उरांव, सविता महतो, दशरथ गगराई के अलावा पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त एवं वरीय पुलिस अधीक्षक समेत जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे।