रांची:
झारखंड विधानसभा का 1 दिवसीय विशेष सत्र काफी हंगामेदार रहा। सदन के भीतर विश्वास मत के समर्थन में बोलते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी पर जमकर हमला बोला। बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सब्जी, राशन और कपड़ा खरीदने की बातें सुनी थी लेकिन बीजेपी तो विधायकों को खरीद रही है। जब बीजेपी ने वॉकआउट किया तो सीएम हेमंत ने कहा कि मैं चाहता हूं कि विपक्ष पूरा प्रस्ताव सुने। मैदान छोड़कर ना भागें।
आंदोलनकारी का बेटा हूं...नहीं डरूंगा!
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं आंदोलनकारी का बेटा हूं। इनसे डरने वाला नहीं हूं। मैं ना तो डरा हूं और ना ही किसी को डराऊंगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विभिन्न राज्यों में गृहयुद्ध जैसे हालात बना रही है। उन्होंने कहा कि झारकंड सरकार जल्द ही राज्य में 192 का खतियान लागू करने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि हम 1932 के खतियान और ओबीसी के मामले में आगे बढ़ने वाले हैं। उन्होंने कहा कि 1985 की परिभाषा तो पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने पारिभाषित की। मुख्यमंत्री ने तंज करते हुए कहा कि जब 1985 की स्थानीयता घोषित हुई तो बीजेपी ने इसे ताली बजाकर सबसे बेहतर बताया था।
लोकतंत्र में से तंत्र खत्म हो चुका है!
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने देश और राज्यों में लोकतंत्र को खंडित कर दिया है। तंत्र को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया। अब केवल लोक बचा है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोकतंत्र को बचाना है। इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने भी कहा कि 1932 के खतियान को आदार बनाकर स्थानीयता लागू की जाए। उन्होंने कहा कि झारखंडियों की एक ही पहचान-1932 का खतियान। कहा कि बीेपी ने 1985 को स्थानीयता बनाकर झारखंडियों और बाहरियों को एक साथ खड़ा कर दिया। रोजगार के अवसर यहां के युवकों के लिए घट गए।
विपक्ष ने विश्वास मत पर उठाए सवाल
सदन में बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने विश्वास मत के औचित्य पर सवाल उठाया और कहा कि इसकी क्या आवश्यक्ता थी। विपक्ष तो अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाई। राज्यपाल ने भी ऐसा करने का निर्देश नहीं दिया। सरकार को किस बात का डर या शंका है। वहीं बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी कहा कि सरकार को दरअसल अपने ऊपर ही यकीन नहीं है।