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झारखंड के हर युवा को 10-10 लाख देंगे सीएम हेमंत, बताया कैसे

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द फॉलोअप डेस्कः

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज सरायकेला खरसावां में सरकार आपके द्वार के तीसरे चरण के कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज जो पोस्टर यहां लगा है उसमें विपक्ष के नेताओं का भी फोटो है लेकिन हमारे कार्यक्रम में ये लोग नहीं आते हैं। ये लोग दूसरा कार्यक्रम करते हैं और पीछे से हमला करते हैं। ये लोग आपके खाने में किरासन तेल डालने का कोशिश करते हैं ताकि आप खा ही ना पाए। सरकार इनकी चोरियों को समझ गया है। याद करिए वो दिन जब दिल्ली के अंदर किसानों ने घेर कर रखा था। अगर वो काला कानून आ जाता तो एक भी किसान नहीं बचता। किसानों ने कहा कि अगर वो काला कानून लागू हुआ तो केंद्र सरकार को उखाड़ के फेंक देगे। तब जाकर वो काला कानून नहीं लागू हुआ। इसी तरह  हम भी सरकार से अपना अधिकार मांगते हैं तो ये लोग सरकार गिराने की साजिश रचते हैं। तरह-तरह के आरोप लगाए जाते हैं। पकड़ लो जेल में ठूस दो। ताकि ये काम ना कर पाए। क्योंकि हम गरीब हैं। 


सात पीढ़ी को बैठाकर खिलाएंगे
सीएम ने कहा कि आप किसी के पास काम करेंगे और आपको पैसा नहीं देगा तो आप उससे झगड़ा करेंगे कि नहीं। ठीक उसी तरह हमारा भी केंद्र सरकार के पास 1 लाख 36 हजार करोड़ बकाया है। जब हमने सरकार बनाया, सरकार भीख मांगने की स्थिति में थी। हमने सोचा कि हम पैसा कहां से लाए तो हम कागज ढूंढने लगे तो पता चला कि हमारा 1 लाख 36 हजार करोड़ बाकि है। हम मांगने गये तो बोला कि पैसा बकाया ही नहीं है। इसके बाद हमारे पीछे ईडी सीबीआई लगा दिया। लेकिन हम भागने वाले में से नहीं है। अगर वह पैसा हमारे पास आ जाता तो हम आपको  हम आपको ढाई हजार पेंशन देते। तो हम 10 लाख एकड़ पर नहर से पानी पहुंचाते और हरियाली हमारे खेतों में रहती। अगर वह पैसा मिलता तो हम हम हर नौजवान को 10 लाख देकर स्वरोजगार करवाते। वो पैसा मिल जाता तो हम इस राज्य का सात पीढ़ी को  घर में बैठाकर खाना खिलाते। ये व्यापारियों की जमात है। लेना जानते हैं देना नहीं। हमें वो पैसा मिल जाता तो हम 1200 का सिलेंडर 500 रुपय में देते । 


अंग्रेजों के साथ बैठकर पढ़ रहे बच्चे 
आज तक क्यों उनलोगों ने आपको पेंशन नहीं दिया। हमने उतकृष्ट विद्यालय बनाया। सभी बेटियों को सावित्री बाई फूले योजना का लाभ देंगे। हमारे बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं। ये देश का पहला राज्य है। जो अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ा रहा है। जिन अंग्रेजों ने हमारे परिवार की तितर बितर कर दिया। आज हम अपने बच्चों को उन विदेशियों के बगल में बैठ कर पढ़ा रहे हैं। पहले ये लोग हमलोगों को जमीन में बैठाता था। आज हम सम्मान के साथ उनके साथ पढ़ रहे हैं। विपक्ष ने सरकार बनने के बाद से ही कोशिश किया कि हमारी सरकार को गिरा दे, लेकिन हमने चार साल पूरा किया और आने वाले दिनों में भी हम आदिवासियों मूलवासियों की ही सरकार होगी।