द फॉलोअप डेस्कः
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार शाम को अपने आवासीय कार्यालय में सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक बुलाई है।बैठक में विधानसभा के शीतकालीन सत्र तथा ईडी की कार्रवाई समेत अन्य राजनीतिक मुद्दों पर विमर्श होगा। मौजूदा राजनीतिक गतिविधियों पर भी चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार हर हालात का मुकाबला करने और शीतकालीन सत्र में विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने की रणनीति बनेगी। सीएम के सरकारी आवास पर विधायकों की बैठक शाम चार बजे शुरू होगी। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद समेत सरकार को समर्थन दे रहे अन्य विधायक शामिल होंगे। बैठक बुलाने का कारण विधानसभा का शीतकालीन सत्र बताया जा रहा है, लेकिन इसी बहाने विधायकों को एकजुट रखने की रणनीति पर भी चर्चा होगी। इसकी वजह राजभवन का रुख है।
कौन होंगे बैठक में शामिल
विधायकों की इस अहम बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद समेत सरकार को समर्थन दे रहे अन्य विधायक शामिल होंगे। गौरतलब है कि हाल ही में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने निर्वाचन आयोग के उस मंतव्य का अध्ययन करने की बात कही है, जिसे आयोग ने सीएम सोरेन की सदस्यता के संबंध में सुनवाई के बाद दिया है। यह मामला सीएम सोरेन के खनन लीज के खिलाफ भाजपा नेताओं की ओर से उनकी सदस्यता खारिज किए जानें की राज्यपाल से की गई शिकायत से संबंधित है।
राज्यपाल ने किया था लिफाफे का जिक्र
बताते चलें कि हाल ही में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने निर्वाचन आयोग के उस पुराने लिफाफे का उल्लेख कर सरगर्मी बढ़ा दी है, जिसमें हेमंत सोरेन के नाम पत्थर खनन लीज प्रकरण को लेकर निर्देश का जिक्र है। राज्यपाल ने कहा था कि जिन्होंने गलत किया है, उन्हें सजा मिलेगी। झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से आरंभ होगा। सत्र 21 दिसंबर तक चलेगा। संभावना जताई जा रही है कि सरकार सत्र के दौरान स्थानीयता के निर्धारण के लिए 1932 के खतियान की बाध्यता संबंधी संशोधित विधेयक पेश कर सकती है।