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Ranchi : शिबू सोरेन सहित इन 3 नेताओं की जीवन यात्रा पढ़ेंगे झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चे

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डेस्क: 
झारखंड के सरकारी स्कूलों (Jharkhand Government Schools) में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन (Shibu Soren) सहित 3 कद्दावार नेताओं की जीवनी पढ़ाई जाएगी। सरकारी स्कूलों में इनकी जीवनी को पाठ्यक्रमों में जोड़ने की तैयारी की जा रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक सरकारी स्कूलों में बच्चों को झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन, स्वर्गीय विनोद बिहारी महतो (Vinod Bihari Mahto) और स्वर्गीय निर्मल महतो (Nirmal Mahto) की जीवनी पढ़ाने का प्रस्ताव है। यदि सब ठीक रहा तो अगले साल से इनकी जीवनी पाठ्यक्रमों में शामिल की जायेगी।

झारखंड आंदोलन में दी थीं कुर्बानियां! 
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्रालय (Department of School Education and Literacy) के मंत्री जगरन्नाथ महतो (Jagrannath Mahto) ने कहा कि उपरोक्त तीनों नेताओं ने झारखंड अलग राज्य आंदोलन में बहुत संघर्ष किया। कई कुर्बानियां दीं।

ये बहुत जरूरी है कि हमारे राज्य के बच्चे झारखंड आंदोलन और आंदोलन के हीरोज के बारे में जानें। जानकारी के मुताबिक शिक्षा मंत्री ने इस बारे में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव को पत्र लिखा है। उनको शिबू सोरेन, निर्मल महतो और विनोद बिहारी महतो की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने से संबंधित सभी जरूरी कार्रवाई पूरी करने को कहा गया है।

अभी तय नहीं है कि किस क्लास में जीवनी पढ़ाई जाएगी। 

झारखंड आंदोलन के अग्रणी चेहरा गुरुजी! 
गौरतलब है कि झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन ने अपने सार्वजनिक जीवन के शुरुआती दिनों में सूदखोरी और महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन किया था। आदिवासियों को शोषण और अत्याचार के खिलाफ एकजुट किया। झारखंड अलग राज्य आंदोलन के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया। ये आंदोलन कई वर्षों तक चला। शइबू सोरेन कई बार लोकसभा के लिए चुने गए। केंद्र में मंत्री रहे। झारखंड में उन्हें दिशोम गुरु के नाम से जाना जाता है। लोग उनको गुरुजी भी कहते हैं। 

पाठ्यक्रम में शामिल की जाएंगी जीवनियां
स्वर्गीय विनोद बिहारी महतो झारखंड अलग राज्य आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने राज्य में पिछड़े समुदायों की शिक्षा के लिए स्कूल-कॉलेज खोले। निर्मल महतो भी झारखंड अलग राज्य आंदोलन के फायर ब्रांड नेताओ में गिने जाते हैं। आंदोलन के दौरान ही निर्मल महतो की हत्या कर दी गई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के बच्चों को इन नेताओं को योगदान पता होना चाहिए। बच्चों को आंदोलनकारियों के संघर्ष और त्याग से परिचित होना चाहिए।