द फॉलोअप डेस्क
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज सारथी योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना के अंतर्गत बिरसा योजना एवं रोजगार प्रोत्साहन भत्ता तथा परिवहन भत्ता वितरण किया जाएगा। सीएम ने आर्यभट्ट सभागार, मोरहाबादी, रांची में आयोजित समारोह में इसका शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने विभिन्न प्रखंडों की बच्चियों से ऑनलाइन जुड़कर बात की। बच्चियों ने सीएम को इस योजना के लिए धन्यवाद किया साथ ही अपना अनुभव साझा किया।
छात्र छात्राओं को हुनरमंद बनाएंगे
इस दौरान सीएम ने कहा कि जब हम चुनाव लड़ रहे थे। तब हमने युवाओं को वादा किया था। आज सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाते हमने चुनाव में किए एक वादों को पूरा किया है। जहां से बड़े पैमाने पर हमारे पढ़े-लिखे छात्र छात्राओं को हुनरमंद बनाएंगे ताकि उसे आने वाले समय में कहीं पर भी रोजगार पाने में यह ट्रेनिंग उनके लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। यूं तो सरकार शिक्षित को भी ट्रेनिंग दे रही है। जो कम पढ़े लिखे उनको भी ट्रेनिंग दे रही है। जो नहीं पढ़े लिखे हैं उनको भी ट्रेनिंग दे रही है। आज कई विभागों के माध्यम से हम लोग ऐसे कार्यक्रमों को चला रहे हैं। आज के दिन में अगर आपके हाथ में हुनर है तो आप जीवन में कभी भी भूखा नहीं मर सकते। मुझी खुशी होती है जब हमारे युवा पैर पर खड़े होते हैं।
देश के 80% लोग सरकारी राशन पर जीने के लिए विवश
सीएम ने कहा कि पहले इंजीनियरिंग हो जाती थी तो लोग इंजीनियर बन जाते थे। अगर एमबीबीएस हो जाता था तो लोग डॉक्टर बन जाते थे। लेकिन आज के समय में मैनेजमेंट की डिग्री होनी बहुत जरूरी है। पहले गरीब के बच्चे आर्मी में भर्ती के लिए जाते थे लेकिन आप सब ने देखा कि केंद्र सरकार ने किस तरीके से आर्मी की नौकरी कर दी है। पहले लोग बैंकों में नौकरी के लिए जाते थे लेकिन आपने देखा किस तरीके से बैंकों का मर्जर किया गया। जहां पहले 100 बैंक होते थे उन्हें घटाकर 25 कर दिए गए हैं। पहले युवा ग्रेजुएशन करके रेलवे में नौकरी के लिए जाते थे लेकिन अब सरकार ने उसे भी निजी हाथों में दिया जा रहा है। आज के समय में युवाओं को स्किल्ड होना बहुत जरूरी है। ताकि उन्हें कहीं भी आराम से नौकरी मिल सके। आज देश के 80% लोग सरकारी राशन पर जीने के लिए विवश हैं। वहीं आज झारखंड के गरीब बच्चे पढ़ने के लिए विदेशों में जा रहे हैं। राजेय सरकार गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाती है।
इस योजना के माध्यम से घर की आर्थिक स्थिति सुधारी
अपना अनुभव साझा करने आए सागर मिर्धा जो फियर डील ऑटोमोबाइल प्राइवेट लिमिटेड में सर्विस टेक्नीशियन है। उन्होंने कहा कि मेरे 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। आगे भी पढ़ना चाहता था। लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से मैं आगे पढ़ नहीं पाया। उस वक्त मैं घर की हालत के सुधार के लिए रोजगार तलाश रहा था। तभी मुझे झारखंड कौशल विकास योजना के बारे में पता चला। मैंने वबां ऑटोमेटिक लेवल 3 का कोर्स किया। इसके साथ ही कम्प्यूटर कोर्स किया। साथ ही साथ स्किल डेवलपमेंट का भी क्लास किया। ट्रेनिंग कंप्लीट करने के बाद मुझे वहां से हटिया में प्लेसमेंट मिला। मैं अभी वहीं काम कर रहा हूं। मुझे बहुत खुशी हो रही है बताने में कि मैंने इस योजना के माध्यम से अपने घर की आर्थिक स्थिति को सुधारा है।
ट्रेनिंग लेने के बाद मुझे कॉन्फिडेंस मिला
प्रियंका मिंज जिन्होंने रांची सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड से कौशल प्रशिक्षण लिया। फिलहाल वो सिक्योरिटी सुपरवाइजर हाउसकीपिंग रांची में काम कर रही है। प्रियंका गुमला जिला के गरीब आदिवासी परिवार से आती हैं। उन्होंने बताया कि प्रचार प्रसार के दौरान उन्हें मुख्यमंत्री कौशल विकास के बारे में पता चला। 3 महीने ट्रेनिंग करने के बाद मुझे रांची में जॉब मिल गई। मैं आज रांची में सुपरवाइजर हेड के रूप में कार्यरत हूं। मेरे अंडर लगभग 30 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग लेने के बाद मुझे कॉन्फिडेंस मिला जिस कारण मैं आज अपने पैरों पर खड़ी हूं।
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