डेस्क:
झारखंड में जारी सियासी हलचल के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ट्विटर पर ट्रेंड हो रहे हैं। शुक्रवार को दोपहर से ही "हैशटेग हमारा हेमंत हमारी हिम्मत" ट्रेंड कर रहा है। संभावना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थकों द्वारा ये ट्विटर कैंपेन चलाया जा रहा है। गुरुवार को भी झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों और मंत्री ने "सीएम हेमंत हमारा स्वाभिमान हैशटेग" के साथ सोशल मीडिया पोस्ट किए थे। दरअसल, चर्चा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर खनन पट्टा लीज से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग का फैसला आ चुका है। सार्वजनिक होना बाकी है।
निर्वाचन आयोग का फैसला आ चुका है!
दरअसल, कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा लीज मामले में केंद्रीय निर्वाचन आयोग का फैसला आ चुका है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द कर दी गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहेट विधानसभा सीट से विधायक हैं। कयास तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अगले कुछ वर्षों तक चुनाव लड़ने से भी रोका जा सकता है। इन्हीं कयासों के बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में यूपीए विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में 40 विधायक शामिल हुए जिसमें चुनाव आयोग के संभावित फैसले पर मंथन हुआ।
महागठबंधन ने दिखाई पूरी एकजुटता
इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकले अधिकांश विधायकों ने जहां एकजुटता प्रदर्शित की वहीं ट्विटर पर भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समर्थन में ट्विटर कैंपेन चलाया गया। हैशटेग के साथ सैकड़ों सोशल मीडिया यूजर्स ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
गुरुवार को भी "सीएम हेमंत हमारा स्वाभिमान" हैशटेग के साथ मंत्री चंपाई सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, मंत्री जगरन्नाथ महतो और मंत्री जोबा माझी सहित कई अन्य नेताओं और विधायकों ने ट्वीट किए और एकजुटता दिखाई। बता दें कि अभी तक राज्यपाल ने फैसला सार्वजनिक नहीं किया है।
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 25, 2022
देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है।
हैं तैयार हम !
जय झारखंड !!#सीएम_हेमन्त_हमारा_अभिमान pic.twitter.com/og9H35CkN2
छत्तीसगढ़ जाने के कयासों को खारिज किया
फिलहाल, चुनाव आयोग के संभावित फैसले को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के विधायकों ने एक स्वर में कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने तो कहा कि ऐसा कोई फैसला आया ही नहीं है। वहीं, सत्तापक्ष के विधायकों के छत्तीसगढ़ शिफ्ट होने के सवालों को बेबुनियाद बताते हुए कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, मंत्री बन्ना गुप्ता और विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि ये झूठी बात है। ऐसा कुछ नहीं है।