द फॉलोअप डेस्कः
रांची में जमीन की खरीद-बिक्री में हुए फर्जीवाड़ा को लेकर ईडी इनदिनों रांची के पूर्व डीसी से छवि रंजन से रिमांड पर पूछताछ कर रही है। छवि रंजन से ईडी कई राज उगलवाने का प्रयास कर रही है। इसी बीच उनसे यह भी पूछा गया कि उनके गोवा घूमने का खर्च किसने उठाया था। पहले तो इस सवाल पर वह टाल मटोल करते रहे लेकिन बाद में उन्होंने स्वीकारा कि व्यवसायी विष्णु अग्रवाल ने ही उनके गोवा घूमने का खर्च उठाया था। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया है कि विष्णु अग्रवाल उनपर इतना मेहरबान क्यों हैं। दरअसल ईडी को विष्णु अग्रवाल के फोन डिटेल से पता चला था कि उन्होंने छविरंजन के गोवा घूमने का खर्च उठाया था। पैसों का भुगतान उन्होंने दिल्ली के ट्रेवल एजेंट को कैश देकर किया था।
दोबारा रिमांड के लिए मांगी गई थी अनुमति
बता दें कि आईएएस छवि रंजन से ईडी अभी पूछताछ करेगी ही क्योंकि 12 मई को ईडी ने 4 दिनों के रिमांड की मंजूरी दी है। दरअसल सेना के कब्जे वाली भूमि और अन्य विवादित जमीनों की खरीद-बिक्री में भ्रष्टाचार के आरोपी निलंबित आईएएस छवि रंजन से 6 दिनों तक ईडी से पहले भी पूछताछ कर चुकी है। रिमांड अवधि खत्म होने के बाद ईडी ने दोबारा कोर्ट में पेश कर छवि रंजन से पूछताछ के लिए छह दिनों की रिमांड देने की अनुमति मांगी थी। जिस पर कोर्ट ने ईडी को चार दिनों तक पूछताछ की मंजूरी दे दी। मालूम हो कि इससे पहले छवि रंजन को गिरफ्तार करने के बाद 5 मई को रांची सिविल कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के बाद कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। छवि रंजन से ED सेना के कब्जे वाली जमीन, बजरा मौजा की जमीन और चेशायर होम रोड की ज़मीन की खरीद-बिक्री मामले में पूछताछ कर चुकी है।
प्रत्येक अंचल से 2.5 लाख लेते थे छवि
ईडी ने पूर्व में आईएएस छवि रंजन को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में जो दस्तावेज सौंपा है उसके अनुसार रांची के सभी 22 अंचल कार्यालयों से छवि रंजन की कमीशन तय थी। हर अंचल कार्यालय से प्रति माह दो से ढाई लाख रुपए वे कमीशनल ते थे। ईडी की मानें तो ये पैसे छवि के एक काफी करीबी व्यक्ति के माध्यम से पहुंचाए जाते थे। इसके अलावा छवि रंजन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने कई लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाकर पैसे वसूले। धोखाधड़ी करने में मदद की और तथ्यों को छिपा कर रखा। मालूम हो कि छवि रंजन 15 जुलाई 2020 से 10 जुलाई 2022 तक रांची में डीसी के पद पर कार्यरत थे।