द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में कथित शराब घोटाले के मामले में छत्तीसगढ़ एसीबी की आर्थिक अपराध शाखा ने आईएएस विनय कुमार चौबे और उत्पाद विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति झारखंड सरकार से मांगी है। यह मामला रायपुर के आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज किया गया था, जिसमें छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के अलावा झारखंड के आईएएस अधिकारी और तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे को भी आरोपी बनाया गया था।
जानकारी के मुताबिक, रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के निवासी विकास सिंह ने इस घोटाले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। विकास सिंह ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने मिलकर शराब घोटाला किया, जिसके कारण राज्य सरकार को अरबों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ। इसके अलावा, यह भी आरोप था कि छत्तीसगढ़ और झारखंड के अधिकारियों के एक सिंडिकेट ने झारखंड की आबकारी नीति को बदलवा दिया और इसके चलते राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ। आरोपों में यह भी कहा गया था कि दोनों राज्यों के अधिकारियों ने मिलकर मैन पावर सप्लाई में भी घोटाला किया। आरोपों के अनुसार, दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच वर्ष 2021 के दिसंबर से लेकर जनवरी 2022 तक कई बैठकें हुई थीं।
इससे पहले, अप्रैल 2023 में आईएएस विनय चौबे और के सत्यार्थी ने ईडी के रायपुर कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराया था। जांच एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों और व्यापारियों के एक अवैध सिंडिकेट ने शराब घोटाला किया। जांच में यह भी सामने आया कि 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ।