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शपथ ग्रहण समारोह के तारीख में बदलाव, अब 16 फरवरी को होगा कार्यक्रम

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द फॉलोअप डेस्क

चंपाई सोरेन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख में बदलाव हुआ है। मंत्रियों के शपथ ग्रहण का समारोह अब 16 फरवरी को होगा। 16 फरवरी को राजभवन में 3 बजे से कार्यक्रम तय है। गौरतलब है कि पहले यह कार्यक्रम कल यानि 8 फरवरी को होना था।तारीख में बदलाव का कारण कांग्रेस का लिस्ट नहीं मिल पाना बताया जा रहा है। गौरतलब है कि 2 फरवरी को राजभवन में चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ कांग्रेस के आलमगीर आलम और आरजेडी के सत्यानंद भोक्ता ने मंत्रिपद की शपथ ली थी। 

इरफान अंसारी ने किया मंत्रिपद का दावा
मंगलवार को मीडिया से बातचीत में इरफान अंसारी ने कहा कि मैं लगातार 2 बार से विधायक हू्ं। पढ़ा लिखा हूं। डॉक्टर हूं। मंत्रिपद पर मेरा दावा बनता है। बाकी फैसला आलाकमान को करना है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जबकि इरफान अंसारी ने मंत्रिपद पर दावा किया हो। अभी 1 हफ्ते पहले ही उन्होंने संकेत दिया था कि यदि पुरानी हेमंत कैबिनेट में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को रिपीट किया जाता है तो इसका विरोध होगा। इरफान अंसारी ने कभी खुलकर तो नहीं कहा लेकिन इशारों ही इशारों में संकेत दे चुके हैं कि उनकी लालसा स्वास्थ्य मंत्री बनने की है। इसके लिए वह बार-बार अपने डॉक्टर होने का हवाला देते हैं।

पुरानी मंत्रियों के पास कौन-कौन से विभागों का जिम्मा था
अब ये भी जान लीजिए कि पुरानी हेमंत कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से कौन-कौन लोग मंत्री थे और उनके पास कौन सा विभाग था। बन्ना गुप्ता के पास स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और आपदा प्रबंधन विभाग था। रामेश्वर उरांव के पास वित्त मंत्रालय था। बादल पत्रलेख के पास कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग था वहीं आलमगीर आलम के पास ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग था। इन मंत्रियों ने हेमंत सोरेन के इस्तीफे के समय तक 4 साल का कार्यकाल पूरा किया लेकिन इस दौरान पार्टी के भीतर से ही कई बार इनके प्रदर्शन पर सवाल उठते रहे। आरोप लगता रहा कि मंत्री बनने के बाद इन्होंने संगठन के कामों में  भी दिलचस्पी लेना बंद कर दिया था। अब, कांग्रेस कोटे से ही मंत्रियों को बदले जाने की मांग जोर पकड़ रही है। 

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