द फॉलोअप डेस्कः
गिरिडीह लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने में सफल रहे आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी को मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। इसे लेकर आजसू की नाराजगी दिखने लगी है। आजसू पार्टी एनडीए के सहयोगी दलों में से एक है। ऐसे में दो बार के सांसद रहे चंद्रप्रकाश चौधरी को कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से उनकी नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। चंद्रप्रकाश चौधरी का कहना है कि एनडीए के घटक दलों की बैठक में सभी को उचित जगह देने की बात हुई थी, लेकिन मंत्रिमंडल में आजसू पार्टी को दरकिनार किया गया। गठबंधन धर्म के तहत सभी दल को सम्मान मिलना चाहिए और पार्टी स्तर पर हम सभी इस मामले पर विचार कर आगे की रणनीति तय करेंगे। चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि उनके शुभचिंतक उनसे लगातार पूछ रहे हैं कि मीडिया में अंत तक आपका नाम चलता रहा, फिर आपका नाम मंत्रिमंडल में क्यों शामिल नहीं किया गया
गौरतलब है कि आजसू और भाजपा का गठबंधन बहुत पुराना है। आजसू पार्टी कई सीटों पर हार-जीत में निर्णायक भूमिका अदा करती रही है। झारखंड में इस साल विधानसभा चुनाव होना हैं और ऐसे में आजसू के सांसद की नाराजगी सामने आयी है। हालांकि इस मामले में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है।
इधर झामुमो ने केंद्रीय कैबिनेट में राज्य की उपेक्षा का आरोप लगाया है। झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि झामुमो के लिए झारखंड का हित सबसे पहले हैं। आजसू पार्टी को केंद्रीय कैबिनेट में जगह नहीं मिलना राज्य का अपमान है। उन्होंने संजय सेठ को बाहरी बताते हुए कहा कि राज्य के सांसदों को हिस्सेदारी मिलना चाहिए थाएनडीए ने यहां के सहयोगी संगठन को ठेंगा दिखाने का काम किया। आजसू का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि अब ये लोग उनके पीछे-पीछे घूमते रहेंगे. फिर विधानसभा चुनाव में सीट मांगेगे. फिर ये कैसे कह सकते हैं कि हमारा कमिटमेंट झारखंडी जनों के साथ जुड़ा हुआ है। सहयोगी संगठन का भी सांसद दो बार का है. भूमिपुत्र है, स्थानीय है. उनकी उपेक्षा हुई।
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार रविवार को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इसमें झारखंड से दो सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली। गिरिडीह से आजसू सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी को इस कैबिनेट में जगह नहीं दी गई। कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी और रांची सांसद संजय सेठ को कैबिनेट में जगह मिली है। अन्नपूर्णा देवी ने कैबिनेट और संजय सेठ ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। चंदप्रकाश चौधरी के बारे में कयास लगाया जा रहा था कि उन्हे मंत्री बनाया जाएगा, लेकिन उन्हे जगह नहीं मिली। झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से आठ में बीजेपी ने बाजी मार ली है। राज्य में तीन सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा के हाथ लगी हैं जबकि कांग्रेस पार्टी ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है। एक सीट पर भाजपा की सहयोगी AJSU ने जीत दर्ज की है।