द फॉलोअप डेस्कः
लोकसभा चुनाव में पार्टी से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले चमरा लिंडा और लोबिन हेम्ब्रम ने हेमंत सोरेन के पक्ष में वोटिंग की। पहले यह कयास लगाये जा रहे थे कि दोनों विपक्ष के समर्थन में वोटिंग कर सकते हैं अथवा वोटिंग प्रक्रिया से नदारद रह सकते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। आज विश्वास मत के प्रस्ताव पर चमरा लिंडा और लोबिन हेम्ब्रम ने हेमंत सोरेन सरकार के समर्थन में वोट दिया। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में चमरा लिंडा ने लोहरदगा में और लोबिन हेम्ब्रम ने राजमहल संसदीय सीट पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। इसके लिए पार्टी ने दोनों ही विधायकों पर कार्रवाई की थी।
चमरा और लोबिन निर्दलीय चुनाव लड़े थे
लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के खिलाफ चमरा लिंडा और लोबिन हेम्ब्रम ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। इसे पार्टी विरोधी कृत्य मानते हुए झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने दोनों ही विधायकों पर कार्रवाई की थी। लोबिन हेम्ब्रम और चमरा लिंडा को 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था। केवल इतना ही नहीं, लोबिन हेम्ब्रम के खिलाफ स्पीकर के न्यायाधिकरण में दल-बदल का केस भी दर्ज कराया गया है। शिबू सोरेन ने खुद स्पीकर को लिखित शिकायत दी थी। इस बीच लगातार यह कयास लगते रहे कि लोबिन हेम्ब्रम और चमरा लिंडा क्या सरकार के पक्ष में मतदान करेंगे या अनुपस्थित रहेंगे।
झामुमो ने दोनों विधायकों पर की कार्रवाई
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में लोबिन हेम्ब्रम ने इंडिया गठबंधन की तरफ से झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी विजय हांसदा के खिलाफ चुनाव लड़ा था। यहां से बीजेपी ने ताला मरांडी को उम्मीदवार बनाया था। वहीं, चमरा लिंडा ने लोहरदगा में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी कांग्रेस के सुखदेव भगत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। हालांकि, विजय हांसदा और सुखदेव भगत अपनी-अपनी संसदीय सीटों पर चुनाव जीता लेकिन लोबिन और चमरा के रुख ने पार्टी की फजीहत कराई।