द फॉलोअप डेस्क, रांची:
सत्तापक्ष की ओर से विधायक दल का नेता चुने गये चंपई सोरेन ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। राज्यपाल को लिखे पत्र में चंपई सोरेन ने कहा कि 31 जनवरी को मुख्यमंत्री ने आपको त्यागपत्र सौंप दिया था। बुधवार देर शाम 8:45 बजे आपने इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इसके तुरंत बाद मैं आपसे 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जिसमें संयुक्त गठबंधन दल सहित झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों के साथ आपसे मिला। हमने 47 विधायकों के समर्थन और 42 विधायकों का हस्ताक्षरयुक्त समर्थन पत्र आपको सौंपा है। चंपई सोरेन ने कहा कि जिन 43 विधायकों का हस्ताक्षर समर्थन पत्र में है, वे सभी लोग बुधवार देर शाम राजभवन के लिए गये थे लेकिन उनको प्रवेश करने नहीं दिया गया।
18 घंटे से झारखंड में सरकार अस्तित्व में नहीं
चंपई सोरेन ने कहा कि पिछले 18 घंटे से राज्य में कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है। राज्य में असमंजस की स्थिति बनी है। संवैधानिक प्रमुख होने के नाते हम सभी विधायक आपसे उम्मीद करते हैं कि आप अविलंब लोकप्रिय सरकार के गठन का रास्ता साफ कर राज्य को भ्रम की स्थिति से बाहर निकालेंगे। चंपई सोरेन ने राज्यपाल से सरकार गठन के दावे को स्वीकर कर लेने की अपील की है। साथ ही मांग की है कि अविलंब उनको मुख्यमंत्री मनोनीत कर नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त किया जाये। गौरतलब है कि चंपई सोरेन ने 3 बजे ही मिलने का वक्त मांगा था लेकिन राजभवन की तरफ से शाम 5:30 बजे का वक्त दिया गया। चंपई सोरेन ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त बहुमत है और मैं झारखंड को मजबूत और स्थिर सरकार देने में सक्षम हूं।
राज्यपाल को 43 विधायकों को हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपा
गौरतलब है कि चंपई सोरेन ने बुधवार देर शाम ही राज्यपाल को 43 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इस दौरान बाहर 2 टूरिस्ट बसों में विधायक मौजूद थे लेकिन उनको राजभवन में प्रवेश नहीं मिला। राज्यपाल ने कहा कि मैं पत्र पढ़ने के बाद बुलावा भेजूंगा। इसके बाद सत्तापक्ष के विधायक सर्किट हाउस लौट गये। विधायकों को रांची में ही रहने का निर्देश दिया गया है। मंगलवार देर शाम ही उनको सामान के साथ सर्किट हाउस बुला लिया गया था।