द फॉलोअप डेस्क, रांची
केंद्र के पास बकाए राशि से संबंधित प्रदीप यादव के सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र पैसा देने को तैयार हो गया है. अबतक 2500 करोड़ रुपये मिले भी हैं. ये सही है कि केंद्र के पास बकाया की वजह से राज्य की सामाजिक-आर्थिक विकास प्रभावित है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव झारखंड ने भी केंद्र के समक्ष बकाया राशि की प्राप्ति के लिए आग्रह किया है. दरअसल प्रदीप यादव ने सवाल पूछा था कि क्या केंद्र के पास 35 हजार करोड़ रुपये बकाया है? और अगर ऐसा है तो प्राप्ति के लिए क्या प्रयास हो रहे हैं? वित्त मंत्री ने इसी सवाल का जवाब देते हुए यह माना था कि केंद्र के पास 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि केंद्र सरकार एवं केंद्र सरकार के उपक्रमों के पास बकाया है.
जमीन राज्य का खनिज केंद्र का
वित्त मंत्री ने कहा कि बकाया राशि वसूली के लिए 2018 तक राज्य सरकार ने कोशिश की. कोल मिनिस्ट्री का तर्क था कि जमीन हमारा है. जबकि सारा जमीन राज्य का है. जमीन के अंदर खनिज केंद्र का है. बाद में जब बात बनी तो कहा गया कि कॉमर्शियल रेट है, कृषि रेट पर दीजिये. 2019 से देना शुरू किया है.
सर्टिफिकेट केस करने का है अधिकार, लेकिन यह उचित नहीं
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि बकाया राशि की प्राप्ति के लिए केंद्र के उपक्रमों पर सर्टिफिकेट केस करने का अधिकार है. हम कर भी सकते हैं, यह राज्य का अधिकार है. लेकिन यह उचित नहीं है. सर्टिफिकेट केस करने पर मामला लंबा चलते रहेगा. बातचीत हुई है. मिलना शुरू हुआ है.
कोयला बंद कर देंगे जैसी बात देश हित में नहीं
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि कभी कभी लोग ऐसी बात करते हैं कि कोयला बंद कर देंगे और ढुलाई बंद कर देंगे. ऐसी बात देश हित और राज्य हित दोनों में नहीं है. अगर कोयला बंद कर देते हैं तो कंपनियां ठप हो जाएगी. जिससे हमारे मजदूरों का काम भी बंद होगा.
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