द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने जेपीएससी सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। इसके बाद अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए याचिकाकर्ता गोपाल कुमार महथा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि वह जेपीएससी की ओएमआर शीट व प्रार्थी द्वारा कार्बन कॉपी को प्राथमिकी में शामिल करें।
इससे पहले सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से प्रारंभिक परीक्षा से संबंधित प्रार्थी के दोनों पत्रों का मूल ओएमआर शीट सीलबंद लिफाफा में पेश किया गया, जिसमें प्रार्थी (अभ्यर्थी) ने प्रश्नों का उत्तर दिया था। प्रार्थी की ओर से दिये गये ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी से उसे मिलाया गया, तो काफी अंतर पाया गया। अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पाया कि मूल ओएमआरशीट व उसकी कार्बन कॉपी में काफी अंतर है। ऐसा प्रतीत होता है कि ओएमआर के कार्बन कॉपी में छेड़छाड़ कर याचिका के साथ संलग्न कर अदालत में झूठा तथ्य रख कर गुमराह करने का प्रयास किया गया है।
मार्च में पीटी का रिजल्ट जारी किया गया। फिर प्रश्न के साथ आंसर शीट भी जारी की गई। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसे परीक्षा में 246 अंक मिले हैं, लेकिन उसका चयन नहीं किया गया। इस पर जेपीएससी के वकील संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता को सिर्फ 46 अंक मिले थे। इस पर कोर्ट ने जेपीएससी से गोपाल की ओएमआर शीट सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया था। शुक्रवार को ओएमआर शीट कोर्ट को सौंपी गई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता और जेपीएससी की ओएमआर शीट का मिलान किया तो दोनों में अंतर पाया गया। ऐसा प्रतीत हुआ कि याचिकाकर्ता ने ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की गई है।
अदालत ने नाराजगी जताते हुए इसे आपराधिक कृत्य माना तथा प्रार्थी पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। गौरतलबा है कि जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के अभ्यर्थी गोपाल कुमार महथा ने याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका में ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी संलग्न की थी। इसमें सभी प्रश्नों का उत्तर दिया दिखाया गया था। प्रार्थी ने याचिका में कहा था कि उसने ओएमआर शीट में सवालों का जवाब दिया था, लेकिन जेपीएससी ने उसे असफल घोषित कर दिया।