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हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का मामला, मंत्री इरफान अंसारी ने भाजपा पर लगाया आरोप

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द फॉलोअप डेस्क
हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हाल ही में अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसने जिले में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। यह वीडियो हजारीबाग के दूरस्थ प्रखंड चालकुसा से आई एक गर्भवती महिला के पति द्वारा बनाया गया था। उसका आरोप था कि वह प्रसव पीड़ा में पत्नी को लेकर अस्पताल आया, लेकिन लेबर रूम के ऑपरेशन थिएटर का दरवाजा खटखटाने के बावजूद किसी ने दरवाजा नहीं खोला। स्थिति गंभीर होती देख वह मजबूरी में अपनी पत्नी को एक निजी अस्पताल ले गया, जहां सुरक्षित प्रसव हुआ और एक स्वस्थ शिशु का जन्म हुआ। पीड़ित व्यक्ति ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल की ड्यूटी पर तैनात नर्स ने पहले ही कह दिया था कि बच्चा सुरक्षित नहीं है, महिला को खून चढ़ाने की जरूरत पड़ेगी और उसका हीमोग्लोबिन भी कम है।

वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला तेजी से चर्चा में आया। हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल ने इस मुद्दे पर सुपरिंटेंडेंट से मिलने का प्रयास किया, लेकिन उनके गैरमौजूद होने पर उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से फोन पर बातचीत कर पीड़ित महिला को न्याय दिलाने की मांग की। हालात तब और बिगड़ गए जब वीडियो वायरल करने वाले भाजपा कार्यकर्ता और समाजसेवी अर्जुन साहू को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के विरोध में सांसद मनीष जायसवाल, भाजपा के सदर विधायक प्रदीप प्रसाद और बरही विधायक उमाशंकर अकेला थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। अंततः पुलिस को अर्जुन साहू को रिहा करना पड़ा।

आज जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी बरही पहुंचे, तो इस मुद्दे पर उनसे सवाल किया गया। मंत्री ने जवाब में भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर में ही "भाजपा कार्यालय" खोल रखा है। उनका इशारा भाजपा विधायक द्वारा संचालित "संजीवनी सेवा कुटीर" की ओर था, जो लेबर रूम के पास स्थित है। मंत्री ने आरोप लगाया कि इस सेवा कुटीर में कार्यरत भाजपा कार्यकर्ता अस्पताल के लेबर रूम में झांकने तक की कोशिश करते हैं और यह स्थान अब नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। इससे नर्सें और डॉक्टर खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इसी वजह से घटना की रात ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर मौजूद नहीं थीं।

स्वास्थ्य मंत्री ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाया कि जिसने वीडियो और ऑडियो बनाया था, उसे गिरफ्तार करने के बाद रिहा क्यों किया गया। हालांकि, उनके बयान से यह स्पष्ट नहीं हुआ कि दोषियों पर कोई कार्रवाई होगी या नहीं। उन्होंने पूरी घटना के लिए भाजपा के विधायक प्रदीप प्रसाद और उनके द्वारा संचालित संजीवनी सेवा कुटीर को जिम्मेदार ठहराया और भाजपा नेताओं पर सरकार को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया।