द फॉलोअप डेस्क, रांची:
सचिवालय आशुलिपिक (Secretariat Stenographer) के अभ्यर्थियों ने सोमवार को ट्विटर पर अभियान चलाया। #JSSC_सचिवालय_स्टेनो_जारी_करो के साथ हज़ारों ट्वीट कर अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक कल्पना सोरेन, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, विधायक अंबा प्रसाद को टैग कर छात्रों ने अपनी बातें रखी। गौरतलब है कि अभ्यर्थियों ने राज्यसभा सांसद महुआ माजी से मिलकर भी अपनी परेशानी बताई। अभ्यर्थियों ने बताया कि वे कई बार आयोग कार्यालय जाकर अपनी मांग से अवगत कराने का प्रयास कर चुके हैं लेकिन, सफलता नहीं मिली। अभ्यर्थियों का तर्क है कि जब रमेश हांसदा बनाम सरकार के मामले में हाईकोर्ट ने सभी रद्द हो चुकी वेकैंसी को नए सिरे से जारी करने का आदेश पारित किया था तो सचिवालय आशुलिपिक की वेकैेंसी दोबारा क्यों नहीं निकाली गई।
सचिवालय आशुलिपिक का क्या है मामला
छात्रों ने द फॉलोअप को बताया कि जून 2022 में झारखंड सचिवालय आशुलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा 2022 का विज्ञापन जारी हुआ. यह परीक्षा शुरू 452 पदों के लिए हुआ था. लगभग 18 हज़ार छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे। इसके बाद उनका कौशल परीक्षण दिसंबर 2022 में हुआ। छात्र परीक्षा केंद्र में ही थे और उधर उच्च न्यायालय ने झारखंड सरकार के नियमावली को रद्द करते हुए हुए कहा कि संशोधन कर उक्त विज्ञापन को पुनः प्रकाशित किया जाए। उसके बाद नई नियमावली भी आई। उसके तहत रद्द हुए सभी विज्ञापन के साथ ही नए विज्ञापन का एग्जाम कैलेंडर भी JSSC के द्वारा 21.04.2023 को जारी किया गया लेकिन इस कैलेंडर में झारखंड सचिवालय आशुलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा को शामिल नहीं किया। उसके बाद से छात्र अपनी मांग को लेकर दर - दर भटक रहे हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं।
JSSC और कार्मिक सचिव के पास जाकर थक गए हैं छात्र
छात्रों का कहना है कि वे JSSC (झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग) और कार्मिक विभाग कई बार गए. कार्मिक सचिव नहीं मिले वह लगातार डेट पर डेट सिर्फ दे रहे हैं. ऐसा करते-करते लगभग दो वर्ष बीत गए छात्र काफी परेशान और हताश हैं. उनका कहना है हमने सभी एग्जाम को छोड़ आशुलिपिक को चुना था लेकिन आयोग और सरकार के रवैये से निराशा हाथ लगी है।