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राजकाज : नेता प्रतिपक्ष की खाली रहेगी कुर्सी, तीसरे बजट सत्र में भी बाबूलाल मरांडी को मयस्सर नहीं पद

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रांची:

भाजपा अपने प्रेस बयान में भले बाबूलाल मरांडी के नाम के साथ नेता प्रतिपक्ष दल लिखे, लेकिन झारखंड विधान सभा के स्पीकर ने उन्हें अब तक मान्यता नहीं दी है। इसकी वजह है झारखंड विकास मोर्चा (JVM)। चूंकि 2019 का विधानसभा चुनाव झाविमो से ही बाबूलाल ने लड़ा था। उनके अलावा झाविमो से बंधु तिर्की और प्रदीप यादव जीतकर विस पहुंचे थे। लेकिन सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने भाजपा में अपनी पार्टी का विलय कर दिया और स्वयं भी भाजपा की सदस्यता ले ली थी। वहीं विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप महतो ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसको लेकर स्पीकर के न्यायाधिकरण में तीनों पर दल-बदल का मामला चल रहा है। अब तक कोई निर्णय नहीं आ सका है।

 

 

झारखंड में विधानसभा का बजट सत्र (Budget Session) 25 फरवरी से शुरू होने वाला है। लेकिन इस बार भी नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली रहेगी। हालांकि भाजपा ने इसके लिए आवेदन किया है। बता दें कि यह तीसरा साल होगा जब बिना नेता प्रतिपक्ष के बजट सत्र संचालित होने की संभावना है। इसको लेकर हेमंत सरकार का पहला बजट सत्र 2000 हंगामे की भेंट चढ़ा गया था।

 

वर्तमान समय राज्य की यह पांचवी विधानसभा है। आगामी बलट सत्र आठवां सत्र होगा। हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार वाली इस विधानसभा में अब तक सात सत्र हो चुके हैं। इसमें दो बजट सत्र, दो मॉनसून सत्र, एक शीतकालीन सत्र और दो विशेष सत्र शामिल हैं। किसी भी सत्र में विधानसभा को नेता प्रतिपक्ष नहीं मिल सका है।