द फॉलोअप डेस्क
बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल सुधीर श्रीवास्तव के नेतृत्व में चुनाव आयोग पहुंचा। उन्होंने महागामा विधानसभा की कांग्रेस प्रत्याशी दीपिका पाण्डेय सिंह का नामांकन रद्द करने की मांग की। सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि दीपिका पाण्डेय सिंह ने अपने नामांकन के फॉर्म 26 के शपथ पत्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण अपराधिक मामले की चर्चा नहीं की है। दीपिका पाण्डेय के खिलाफ गोड्डा न्यायालय में एस सी /एस टी केस नंबर 21/2020 का उल्लेख अपने शपथ पत्र में नहीं किया है। आज जब कोई साधारण व्यक्ति होता तो नामांकन में जाते ही पुलिस गिरफ्तार कर लेती और चूंकि मामला सरकार के सहयोगी दल और एक मंत्री का था तो किसकी हिम्मत है कि गिरफ्तार करे। जब आज इस बात की शिकायत बीजेपी के उम्मीदवार अशोक भगत ने रिटर्निंग ऑफिसर के पास की तो रिटर्निंग ऑफिसर ने शिकायत लेने से इनकार कर दिया।
नामांकन फॉर्म में अपराधिक मामले को छिपाना करप्ट प्रैक्टिस में आता है और इसमें आर पी एक्ट की धारा 125/ए के तहत कारवाई हो सकती है। इसके अलावा आर पी एक्ट की धारा 8/ए के तहत राष्ट्रपति सीधा करवाई कर सकते हैं। चुनाव आयोग को दिए ज्ञापन के साथ केस के कागजात एवं आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का एक निर्णय भी दाखिल किया गया है। ज्ञापन की प्रति मुख्य चुनाव आयोग नई दिल्ली भी भेजी गई है।