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फांसी भी दे दीजिये तो भूत बनकर उठायेंगे सदन में आवाज, निलंबन के बाद BJP विधायक भानुप्रताप

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रांची  

विधानसभा में हंगामा करने के आरोप में आज बीजेपी के तीन विधायकों को निलंबित कर दिया गया। इनमें भानुप्रताप शाही, बिरंची नारायण और जेपी पटेल के नाम हैं। तीनों विधायकों को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया गया है। इस बाबत पूछे जाने पर भानुप्रताप ने कहा कि अगर फांसी पर भी चढ़ा दिया जाये तो भी हम भूत बनकर अपनी आवाज सदन में पहुंचाते रहेंगे। कहा कि नौकरी और समय पर परीक्षा की मांग लेकर युवा सड़क पर हैं। हमने इसके लिए आवाज उठाई तो हमको मार्शल बुलाकर सदन से बाहर निकाल दिया गया। हमें निलंबित कर दिया गया। कहा कि इससे राज्य के युवा की आवाज अब दबेगी नहीं। इसके लिए जितनी भी लड़ाई लड़नी पड़े, हम लड़ेंगे। 


जेएसएससी की परीक्षाएं समय पर कराने मांग 

भानुप्रताप ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आपके पास कलम है, आपके पास पॉवर है तो भी आप हमारी आवाज को बंद नहीं कर सकेंगे। कहा कि हमने कार्य स्थगन लाने का प्रस्ताव रखा था। इसमें जेएसएससी की परीक्षाएं समय पर कराने और अनुबंध कर्मियों के स्थाईकरण की मांग जैसे विषय शामिल किये गये हैं। अध्यक्ष ने घोषणा की थी कि कार्य स्थगन का प्रस्ताव शून्य काल के पहले पढ़ा जायेगा। लेकिन आज प्रस्ताव को पढ़ने से अध्यक्ष की ओऱ से इनकार कर दिया गया। जबकि यह राज्य के लाखों युवाओं से जुड़ा मामला है। जनहित का मामला है। इस पर कार्रवाही करने के बदले हमको सदन से निलंबित कर दिया गया। मार्शल बुलाकर सदन से बाहर निकालने का आदेश दे दिया गया। इससे पता चलता है कि सरकार के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष भी अब घबराये हुए हैं। 

युवाओं की आवाज अब दबेगी नहीं
भानुप्रताप ने कहा कि इससे युवाओं की आवाज अब दबेगी नहीं। बल्कि ये औऱ तेज होकर सबके सामने आयेगी। हमारे बाकी विधायक इस विषय को लेकर लड़ाई जारी रखेंगे। इस लड़ाई को अंतिम हद तक लडेंगे। ये पूछे जाने पर कि हेमंत जब विपक्ष में थे, तो उन्होंने अनुबंध यानी निविदा कर्मी को राज्य का कोढ़ बताया था। तो अब क्या उनको ये समस्या दिखाई नहीं दे रही है। इस पर भानुप्रताप ने कहा कि हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार बनने से पहले कहा था कि उनकी सरकार बनी तो वे तीन माह में अनुबंध कर्मियों को स्थाई कर देंगे। चाहे वे शिक्षक हों, आंगनबाड़ी सेविका हों, सेविका हों, एएनएम हों या किसा अन्य विभाग के अनुबंधकर्मी। लेकिन आज चार साल हो गये। हालत ये है कि आज पारा शिक्षक धरना पर बैठ रहे हैं। पंचायत स्वयं सेवक संघ के सदस्य प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे अहम विषय जब हम सदन में ला रहे हैं, तो आप हमारी आवाज को बंद कर रहे हैं। 

अध्यक्ष से किया सवाल 

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा कि वे कितने दिन उनकी आवाज को बंद कर सकते हैं। युवा की आवाज इस सरकार की हलक में हाथ डालकर निकलवाने का काम करेंगे। हमे फांसी भी दे दी जायेगी तो भूत बनकर हम सदन में इन समस्याओं के लिए आवाज उठाते रहेंगे। कहा कि अपनी आवाज को उठाने के लिए वे सड़क पर भी जायेंगे। साथ ही बीजेपी इस मांगों को सदन में भी उठाती रहेगी।