द फॉलोअप डेस्क
झारखंड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य, पूर्व मंत्री और झारखंड कांग्रेस की चुनाव घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष बंधु तिर्की ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता की। इसमें उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास पर छाये लंबे ग्रहण का कारण भाजपा का झूठ, छल-प्रपंच, कपटपूर्ण और भ्रष्टाचार से भरा-पूरा राजनीतिक नजरिया है। यह सभी समस्याओं की जड़ में है। तिर्की ने कहा कि 15 नवम्बर 2000 को प्रदेश गठन के बाद 24 साल पूरे होने को आए हैं और अब झारखंड अपने रजत जयंती जैसे महत्वपूर्ण वर्ष में प्रवेश करेगा। इस युवावस्था में जहां अपने पैरों पर खड़े होने के विषय में सभी लोग बेहद गंभीरता के साथ सोचते हैं। वहीं, यह दुर्भाग्य की बात है कि सामाजिक-आर्थिक विकास के मामले में आज भी झारखंड देश के पिछड़े प्रदेशों में शामिल है।
तिर्की ने कहा कि पिछले 24 साल में 17 साल भाजपा का शासन रहा और उसने इस दौरान झारखंड की आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक व्यवस्था को खोखला कर दिया है। उन्होंने कहा कि अपने शासनकाल के दौरान भाजपा के प्रत्येक मुख्यमंत्री ने केवल भ्रष्ट और वैसे बाहरी तत्वों को प्रोत्साहित किया। जिनका झारखंड गठन के आंदोलन के साथ-साथ यहां के समाज, राजनीति और विकास से कोई भी भावनात्मक लगाव नहीं था। भाजपा नेताओं और उसकी सरकार ने यहां के आदिवासियों, मूलवासियों और झारखंड के आम लोगों की बजाय केवल वैसे बाहरी तत्वों को प्रोत्साहित किया, जो ठेकेदार और जमीन दलाली की प्रवृत्ति के थे। उन्होंने झारखंड में आकर केवल और केवल साजिश रची।तिर्की ने कहा कि भाजपा के शासनकाल के दौरान झारखंड की महिलाओं, युवाओं, किसानों, मजदूरों के साथ ही एक-एक व्यक्ति के साथ छल-कपट का गंदा खेल खेला गया। नतीजा, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और अकर्मन्यता आज झारखंड के नस-नस में समा गयी है। उन्होंने कहा कि हालांकि पिछले 5 साल के अपने कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में काम कर रही इंडिया गठबंधन की सरकार ने उस वातावरण को परिवर्तित करने का बहुत अधिक प्रयास किया। लेकिन हेमंत सरकार को शुरू से ही प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से केन्द्र सरकार, भाजपा नेताओं एवं केन्द्र सरकार की एजेंसियों के द्वारा अस्थिर करने का प्रयास किया जाता रहा है, जो किसी से भी छुपा हुआ नहीं है।
तिर्की ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी प्रत्येक यात्रा के दौरान झारखंड से हजारों करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास या उद्घाटन करते हैं। पिछले 2 अक्टूबर को भी हजारीबाग में उन्होंने 83 हज़ार करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास या उद्घाटन किया। लेकिन उसमें से अधिकांश योजनाएं राष्ट्रीय स्तर की है, जो अन्य प्रदेशों में स्थापित की जायेगी। भाजपा नेताओं और विशेष रूप से केन्द्र सरकार को यह बताना चाहिये कि उस 83 हज़ार करोड़ या पहले की लाखों-करोड़ों रुपये की उन योजनाओं में से कितने का लाभ झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों और यहां के लोगों के हित में होगा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि जनजातीय उपयोजना, पांचवी अनुसूची, पेसा कानून, वनाधिकार कानून जैसी आदिवासियों के हित के लिये तैयार की गयी अनेक महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षी योजनाएं कांग्रेस की देन है। लेकिन भाजपा सरकार ने अबतक केवल आदिवासियों, मूलवासियों और झारखंड के सभी लोगों की आंखों में धूल झोंकने का ही काम किया है।