द फॉलोअप डेस्क
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने रविवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी, केंद्र सरकार और राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रविकुमार समेत 2 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। इन आरोपों के बाद बीजेपी ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी। बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुधीर श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय पहुंचा और सुप्रियो भट्टाचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि अगर सुप्रियो भट्टाचार्य के आरोप गलत साबित होते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिना किसी ठोस आधार के मुख्य चुनाव पदाधिकारी के रविकुमार, एडीजी संजय आनंद लाटकर और डीआईजी एमवी होमकर पर आरोप लगाए हैं, जो जांच का विषय है। बीजेपी ने चुनाव आयोग से जांच कर सच्चाई सामने लाने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि सुप्रियो भट्टाचार्य ने अपने आरोप में कहा था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रस्तावक मंडल मुर्मू को कुछ अज्ञात लोग ले जा रहे थे। जब गिरिडीह पुलिस ने उन्हें रोका, तो इन 3 अधिकारियों ने गिरिडीह प्रशासन पर दबाव बनाकर मुर्मू को छुड़वा दिया। हालांकि, मंडल मुर्मू ने थाने में बयान दिया है कि उनका अपहरण नहीं हुआ था। उन्होंने ने सवाल उठाया कि अगर मंडल मुर्मू को किसी अधिकारी ने रोका था, तो किसने और क्यों? क्या मंडल मुर्मू के खिलाफ कोई मामला दर्ज है? उन्होंने कहा कि यह मामला संदेहास्पद है और सुप्रियो भट्टाचार्य ने चुनाव में लगे अधिकारियों को डराने के लिए बयान दिया है। बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को सुप्रियो भट्टाचार्य के प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो भी सौंपा है। इस मामले में राज्य के मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए सोमवार को चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने का आदेश दिया है।