द फॉलोअप डेस्कः
आज चंपाई कैबिनेट का विस्तार हो गया है। 8 मंत्रियों ने शपथ लिया है। सुबह से चर्चा थी कि बैद्यनाथ राम को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। लेकिन शपथ ग्रहण से ठीक पहले सूचना मिली कि बैद्यनाथ राम को कैबिनेट में शामिल नहीं किया जाएगा। इस खबर के सामने आते ही विपक्ष हमलावर हो गई है। बीजेपी विधायक दल के नेता अमर बाउरी और प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि यह सरकार अनुसूचित जाति की विरोधी है।
दलित विरोधी चेहरा सामने आया है
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा हैकि "शपथ ग्रहण के ठीक पहले बैद्यनाथ राम जी का नाम आखरी समय में काटा गया । झारखंड के 50 लाख की अनुसूचित जाति समाज के साथ ठगबंधन सरकार के द्वारा एक बार फिर ठगी-धोखा ! झामुमो कांग्रेस राजद का दलित विरोधी चेहरा फिर आया सामने, उनके लिए दलित वर्ग सिर्फ उनकी पार्टी का झंडा और डंडा ढोने लायक है ना कि सत्ता में हिस्सेदारी व भागीदारी के लायक। एक बार फिर मंत्री परिषद में अनुसूचित जाति समाज का प्रतिनिधित्व शून्य रहेगा। करारा जवाब मिलेगा इन निक्कमों को।
शपथ ग्रहण के ठीक पहले बैद्यनाथ राम जी का नाम आखरी समय में काटा गया !
— Amar Kumar Bauri (@amarbauri) February 16, 2024
झारखंड के 50 लाख की अनुसूचित जाति समाज के साथ ठगबंधन सरकार के द्वारा एक बार फिर ठगी-धोखा !
झामुमो कांग्रेस राजद का दलित विरोधी चेहरा फिर आया सामने, उनके लिए दलित वर्ग सिर्फ उनकी पार्टी का झंडा और डंडा ढोने… pic.twitter.com/T4ep7YOUFj
"
बाहरी दबाव के कारण काटा गया नाम
प्रतुल शाहदेव ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर कहा है कि "अनुसूचित जाति विरोधी हैं @ChampaiSoren सरकार। बताया जाता है कि लातेहार से एससी वर्ग से आने वाले विधायक बैजनाथ राम जी को वारंट ऑफ अपॉइंटमेंट भी पहुंच गया था। लेकिन अंतिम समय में बाहरी दबाव के कारण उनका नाम काट दिया गया। पूरे मंत्रिमंडल में एक भी एससी समुदाय के व्यक्ति को जगह नहीं देना इस सरकार का एससी विरोधी चेहरा दिखता है। शर्म करो सरकार।
अनुसूचित जाति विरोधी हैं @ChampaiSoren सरकार। बताया जाता है कि लातेहार से एससी वर्ग से आने वाले विधायक बैजनाथ राम जी को वारंट ऑफ अपॉइंटमेंट भी पहुंच गया था।लेकिन अंतिम समय में बाहरी दबाव के कारण उनका नाम काट दिया गया।
— Pratul Shah Deo???????? (@pratulshahdeo) February 16, 2024
पूरे मंत्रिमंडल में एक भी एससी समुदाय के व्यक्ति को जगह नहीं…
कहा जा रहा है कि कांग्रेस के अंतरकलह के कारण लास्ट में बैद्यनाथ राम का नाम काटा गया है। वहीं नये चेहरे के रूप में बसंत सोरेन और दीपक बिरुआ शामिल हैं।