द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड हाईकोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राहुल गांधी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी मामले में पीड़क कार्रवाई पर रोक को बरकरार रखा है। जस्टिस अंबुज नाथ की कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि मामले की सुनवाई करते हुए निचली अदालत के फैसले का रिकॉर्ड जमा कराने का आदेश दिया।
राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता दीपांकर राय और श्रेया मिश्रा ने पक्ष रखा। याचिकाकर्ता भाजपा नेता नवीन झा की ओर से हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार, अधिवक्ता विनोद कुमार साहू और अधिवक्ता कुमार हर्ष ने अपनी दलील पेश की। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत में दर्ज गवाहों का बयान सुन लेना चाहिए. इसलिए उन्होंने निचली अदालत का रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है। अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने कहा कि निचली अदालत का रिकॉर्ड आते ही सुनवाई की तारीख तय हो जाएगी।
क्या है मामला
राहुल गांधी पर आरोप है कि कर्नाटक चुनाव के दौरान आठ मई 2018 को बंगलुरु में आयोजित प्रेसवार्ता में राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा जो कि ईमानदारी व स्वच्छता की राजनीति करती है, उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष एक हत्या का अभियुक्त है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट में अमित शाह को हत्या अभियुक्त माना है।
यूट्यूब एवं विभिन्न वेबसाइटों पर पड़े राहुल गांधी के प्रेसवार्ता में कही गई बातों की जानकारी याचिकाकर्ता को हुई। पार्टी से जुड़े होने के नाते परिवादी की भी भावना आहत हुई थी जिस कारण केस दर्ज किया गया था। राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर उनके खिलाफ वर्ष 2019 में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया था. नवीन झा नामक शख्स ने कांग्रेस नेता के खिलाफ मानहानि का केस किया।