द फॉलोअप डेस्क, रांची:
बंधु तिर्की ने कहा है कि राज्य सरकार के द्वारा सरना न्यास बोर्ड का गठन अविलंब किया जाना चाहिये। बंधु तिर्की ने कहा कि एक ओर सरना आदिवासियों की पारंपरिक, धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व की भूमि को लूट से बचाना आज के समय में झारखंड की सबसे बड़ी जरूरत है क्योंकि आज सभी की नजर आदिवासियों की उसी जमीन पर है जिसका आदिवासियों के जीवन से लंबे समय से संबंध है उन्होंने कहा कि एक ओर आदिवासी ज़मीन की रक्षा और दूसरी ओर नयी पीढ़ी को अपनी ज़मीन एवं संस्कृति-संस्कार के प्रति जागरूक करने के लिये बोर्ड का गठन ही एकमात्र उपाय है।
आदिवासियों की जमीन पर दलालों की नजर
बंधु तिर्की ने कहा कि विशेष रूप से आदिवासियों की पहनई, भुईहरी, महत्वई, सरना, अखड़ा, धूमकुड़िया, जतरा टांड, पड़हा जतरा टांड जैसी प्रकृति की भूमि पर जमीन दलालों एवं संबंधित विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की नज़र है जिन्होंने जमकर लूट मचा रखा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि हाल फिलहाल में सरकार के संबंधित विभागों की कार्रवाई के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई में यह बात स्पष्ट हो गयी है कि स्वार्थी तत्वों की सरकार के साथ ही आदिवासियों की वैसी पारंपरिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व की जमीन पर नज़र है और दस्तावेजों में हेरफेर और अन्य तिकड़म अपनाकर उसे लूटा जा रहा है। दूसरी ओर संबंधित विभाग दोषी तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई करने में अक्षम साबित हो रहा है।
जमीन लुटेरे और दलाल प्रवृत्ति के लोग सक्रिय!
बंधु तिर्की ने कहा कि समय के साथ-साथ वैसे जमीन लुटेरे और दलाल प्रवृत्ति के लोग बहुत अधिक सक्रिय हो गये हैं इसलिये सरना न्यास बोर्ड का गठन बहुत अधिक जरूरी है ताकि आदिवासियों की जमीन की रक्षा हो सके और यह कार्य किसी भी हाल में अविलंब होना चाहिये ताकि आगामी विधानसभा चुनाव के पहले उस बोर्ड की कार्रवाई का प्रतिफल जमीन पर नजर आये। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर उनके समक्ष सरना न्यास बोर्ड के गठन के संबंध में अपनी मांगों को उनके सामने रखेगा।