द फॉलोअप डेस्क
झारखंड की राजधानी रांची में आज आयोजित संयुक्त तुरी संवाद में पूर्व मंत्री और झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने तुरी समाज के शैक्षणिक, राजनीतिक और सामाजिक विकास के लिए जागरूकता और दूरदृष्टि के साथ कार्य करने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में तुरी समाज के विभिन्न जिलों से जुड़े लोग शामिल हुए। यहां बंधु तिर्की ने अपने संबोधन में कहा कि तुरी समाज को अपनी जागरूकता और विकास के लिए एक ठोस और समयबद्ध योजना की जरूरत है।
हर समुदाय को मिले समान अवसर
उन्होंने कहा कि झारखंड में सरकार की कोशिश यह है कि हर समुदाय को समान अवसर मिले। साथ ही उसका समग्र विकास हो। विशेष रूप से तुरी समाज को अपनी परंपराओं और व्यवसायों की रक्षा करने की दिशा में कदम उठाने होंगे। इस दौरान तिर्की ने बांस उद्योग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि बांस के उपयोग में शोध और अनुसंधान की आवश्यकता है। इस विषय पर राज्य सरकार जल्द ही कदम उठाएगी।वहीं, तिर्की ने आगे कहा कि तुरी समाज को अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति सजग रहकर अन्य लोगों को भी इस विषय में जागरूक करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो समाज के वंचित वर्ग की स्थिति और भी दयनीय हो सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य के हर जाति और संप्रदाय के विकास और सम्मान के प्रति वह गहरे संवेदनशील हैं।
तुरी समाज की वर्तमान स्थिति पर व्यक्त की चिंता
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मोतीलाल मिर्धा ने तुरी समाज की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की। मिर्धा ने कहा कि हाल के वर्षों में समाज के आर्थिक और सामाजिक स्थिति में गिरावट आई है, खासकर अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल होने के कारण। इसके परिणामस्वरूप वन पट्टा और अन्य लाभों में कई समस्याएं आ रही हैं।
वहीं, तुरी समाज के उत्थान के लिए एक 7 सदस्यीय तदर्थ समिति के गठन का निर्णय लिया गया। यह समिति तुरी समाज के हित में कार्य योजना तैयार करेगी। इस बैठक में झारखंड विपणन बोर्ड के अध्यक्ष रविंद्र सिंह, रांची की पूर्व मेयर रमा खलखो, कांग्रेस नेता किशोरनाथ सहदेव और अन्य कई महत्वपूर्ण सदस्य भी उपस्थित रहे।