रांचीः
झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू है। विपक्ष पूरी तरह से सरकार पर हमलावर है। साहिबगंज के बोरियो में रबिका पहाड़िया की हुई निर्मम हत्या को लेकर विपक्ष सरकार से सवाल कर रही है। इधर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक राज्य महिलाओं के साथ अत्याचार होता रहेगा। उन्होंने ट्वीट कर मुख्यमंत्री को राजनीतिक विद्वेष से ऊपर उठकर सोचने की सलाह दी है। इधर भाजपा के तमाम विधायक राज्य सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आऱोप लगा रही है। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने विशेष समुदाय के लोगों को सरंक्षण दे रखा है, इसलिए लगातार इस तरह की घटना हो रही है।
क्या लिखा ट्वीट में
दरअसल साहिबगंज जिले से ही एक पहाड़िया महिला के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। इसी को लेकर बाबूलाल मरांडी ने सरकार को निशाने पर लिया है और कहा है कि "संथाल परगना की न केवल डेमोग्राफी बदल रही है, बल्कि संगठित रूप से जनजातीय समाज को टारगेट कर घटना को अंजाम दिया जा रहा है। अपराधी फर्जी नागरिकता और दस्तावेजों के सहारे पूरे संथाल में दहशत कायम करने में जुटे हैं। रबिका पहाड़न हत्याकांड के बाद एक और पहाड़िया महिला के साथ सद्दाम नामक युवक के द्वारा दुष्कर्म और जान मारने की धमकी दी गई। मुख्यमंत्री जी आप इन घटनाओं को दूसरे प्रदेश की घटना से जोड़कर जस्टिफाई करने की कोशिश करते है। जरा राजनीतिक विद्वेष से हटकर ठंडे मन से विचारिए कि आप अपना कितना राजनैतिक और सामाजिक धर्म निभा रहे हैं? आप इस प्रदेश को कहां लेकर जा रहे हैं? अपने समाज के साथ ग़द्दारी के काम में तो आपने मीरजाफर, जयचंद को भी पीछे छोड़ दिया।